क्या आदिवासी समाज बिरसा मुंडा के विचारों से दूर होता जा रहा है ?

ओ बिरसा, हमारी जमीन तिर रही है… नौ जून, सुबह नौ बजे और साल 1900, रांची जेल. बिरसा की सांसें उखड़ गई थीं.बिरसा के शव को कोठरी से बाहर लाया गया. बिरसा के निधन की सूचना पर जेल में हंगामा होने लगा. जेल में बंद बिरसा के सभी अनुयायियों को बुलाया गया कि वे शव […]

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