Eksandeshlive Desk
पूर्वी सिंहभूम : संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय संकेत भाषा दिवस घोषित किए जाने पर जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील ने सुनने में असमर्थ लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में मंगलवार से एक सराहनीय कदम उठाया है। कंपनी ने अपने मासिक लाइव कार्यक्रम एमडी ऑनलाइन, जिसकी अध्यक्षता सीईओ एवं एमडी टी. वी. नरेंद्रन करते हैं, में इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) अनुवाद की सुविधा शुरू की है। इस पहल से टाटा स्टील के श्रवण बाधित कर्मचारी अब नेतृत्व संदेश और कंपनी की अहम जानकारियां वास्तविक समय में प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम टाटा स्टील की सीएसआर इकाई टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के लंबे समय से चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। फाउंडेशन अपने सबल कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड और ओड़िशा में दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जीवन में अवसर उपलब्ध करा रहा है।
संकेत भाषा समानता, सुलभता और स्थायी सामाजिक प्रभाव के निर्माण की नींव : आईएसएल-सक्षम कंप्यूटर प्रशिक्षण, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और साझेदार कंपनियों के साथ रोजगार जोड़ने जैसी पहलों से श्रवण बाधित युवाओं को न सिर्फ पेशेवर कौशल मिल रहा है बल्कि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं। टीएसएफ ने जमशेदपुर, नोआमुंडी और जोड़ा में अपने सामुदायिक कार्यक्रमों में भी आईएसएल को शामिल किया है। स्कूलों, गैर-सरकारी संस्थाओं और सामुदायिक संगठनों के लिए संरचित प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शिक्षा और सामाजिक विकास की धारा में दिव्यांग जनों की भागीदारी बढ़े। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य सत्रों और कर्मचारियों के लिए आयोजित कार्यशालाओं में संकेत भाषा का उपयोग संचार की बाधाओं को तोड़ रहा है। लगभग 63 मिलियन भारतीय श्रवण बाधित लोगों की चुनौतियों को देखते हुए यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है। टाटा स्टील ने यह साबित किया है कि समावेशिता केवल सामाजिक दायित्व नहीं बल्कि उसके कार्यसंस्कृति और नेतृत्व की मूल पहचान है। इस पहल के जरिये पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर)से एक सशक्त संदेश जा रहा है कि संकेत भाषा समानता, सुलभता और स्थायी सामाजिक प्रभाव के निर्माण की नींव है।