Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ विनिर्मित उत्पादों की लागत में कमी आने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर जून महीने में घटकर -0.13 फीसदी रही है, जो इसका 20 महीने का निचला स्तर है। इससे पिछले महीने मई में थोक महंगाई दर 0.39 फीसदी रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि डब्ल्यूपीआई पर आधारित ये दर मई महीने में 0.39 फीसदी और जून 2024 में 3.43 फीसदी रही थी। जून महीने में थोक महंगाई दर में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही है। आंकड़ों के मुताबिक जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि पिछले महीने मई में इसमें 1.56 फीसदी की गिरावट आई थी। आंकड़ों के मुताबिक जून में सब्जियों की कीमतों में 22.65 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 21.62 फीसदी थी। इसी तरह विनिर्मित उत्पादों के मामले में थोक महंगाई दर जून महीने में 1.97 फीसदी रही, जबकि मई में यह 2.04 फीसदी रही थी। इसके अलावा ईंधन और बिजली क्षेत्र की थोक महंगाई दर जून में 2.65 फीसदी रही, जो मई में 2.27 फीसदी रही थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पिछले महीने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच नीतिगत ब्याज दर में 0.50 फीसदी की भारी कटौती करके रेपो रेट 5.50 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई में नरमी का अनुमान 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया था। रिजर्व बैंक ने अपने जारी अनुमान में पहली तिमाही में 2.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.4 फीसदी, तीसरी में 3.9 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी कर दिया था।
खुदरा महंगाई दर जून में घटकर 77 महीने के निचले स्तर 2.10 फीसदी पर : थोक महंगाई के बाद खुदरा महंगाई दर में भारी गिरावट आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर जून महीने में घटकर 77 महीने के निचले स्तर 2.10 फीसदी पर आ गई है। मई में यह 2.82 फीसदी और जून, 2024 में 5.08 फीसदी के स्तर पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सोमवार को जारी आंकड़ों के आधार पर बताया कि सब्जियों, दालों, मांस और दूध सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर जून महीने में घटकर 2.10 फीसदी पर आ गई, जो 77 महीने का निचला स्तर है। मई में यह 2.82 फीसदी और अप्रैल में 3.16 फीसदी रही थी, जबकि जून, 2024 में यह 5.08 फीसदी के स्तर पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक मई की तुलना में जून में खुदरा महंगाई दर में 72 आधार अंकों की गिरावट है। यह जनवरी, 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम महंगाई दर है। इससे पहले जनवरी, 2019 में खुदरा महंगाई दर 1.97 फीसदी की सबसे न्यूनतम दर दर्ज की गई थी। एनएसओ ने कहा कि जून महीने में खुदरा महंगाई दर में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, दालों और उत्पादों, मांस और मछली, अनाज और अन्य उत्पादों, चीनी और मिष्ठान्न, दूध और उत्पादों और मसालों की कीमतों में नरमी के कारण कारण है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 4 से 6 जून तक हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान चार फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 3.6 फीसदी से घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया है।