तिब्बत में भूकंप से 95 लोगों की मौत, नेपाल में भी नुकसान, चीनी क्षेत्र से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर रोक

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Eksandeshlive Desk

गंगटोक/काठमांडू : तिब्बत में आए शक्तिशाली भूकंप से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। अब तक कम से कम 95 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घर ढह गए हैं। मंगलवार सुबह तिब्बत के शिगात्से में 7.1 तीव्रता के भूकंप से चीन के साथ-साथ नेपाल, भारत, भूटान और बांग्लादेश हिल गया।

बीबीसी न्यूज ने चीनी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि शक्तिशाली भूकंप के कारण तिब्बत क्षेत्र में कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घर नष्ट हो गए हैं। भूकंप के बाद कई झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र नेपाल-चीन सीमा पर एवरेस्ट क्षेत्र के पास था। चीनी अधिकारियों ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.8 थी। चीनी अधिकारियों ने पुष्टि की कि भूकंप के बाद तिब्बत के शहर शिगात्से में सैकड़ों इमारतें ढह गईं और 130 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चीनी सेना बचाव कार्य में लगी हुई है। माउंट एवरेस्ट के पास दूरदराज के इलाकों में मानव रहित ड्रोन तैनात किए हैं। विभिन्न स्थानों से प्राप्त वीडियो में बचावकर्मियों को मलबे में खोज करते और प्रभावित लोगों को कठोर सर्दी से बचाने के लिए कंबल वितरित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। दक्षिण-पश्चिम चीन में भूकंप अक्सर आते रहते हैं। 2008 में सिचुआन प्रांत में आए भीषण भूकंप में लगभग 70,000 लोग मारे गए थे। चीन के सीसीटीवी के अनुसार मंगलवार के भूकंप से पहले पिछले पांच वर्षों में शिगात्से के आसपास 200 किलोमीटर के क्षेत्र में 3 या उससे अधिक तीव्रता के 29 भूकंप दर्ज किए गए थे।

मंगलवार को नेपाल-चीन की सीमा पार आए 7.1 मैग्नीट्यूड भूकंप के दौरान काठमांडू में एक व्यक्ति ने जान बचाने के लिए छत से छलांग लगा दी। इसके अलावा एक स्कूल के क्लासरूम में पढ़ाई कर रहे कई छात्र डर से बेहोश हो गए। हालांकि, सभी को सामान्य उपचार के बाद सभी को घर भेज दिया गया। गृह मंत्रालय की तरफ से भूकंप को लेकर दिए गए अपडेट के मुताबिक काठमांडू के स्युचाटार इलाके में भूकंप आने के बाद अपनी जान बचाने के लिए स्युचाटार निवासी 20 वर्षीय युवक ऋषिकेश थापा ने अपने मकान के छत से नीचे छलांग लगा दी जिसके कारण वह मामूली रूप से घायल हो गया। इसी तरह बारा जिले के कलैया में रहे त्रिचन्द्र माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत 11 विद्यार्थी डर से बेहोश हो गए। हालांकि, सभी को सामान्य उपचार के बाद सभी को घर भेज दिया गया। इस विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि सुबह के समय विद्यालय में पढ़ाई चल रही थी, जब अचानक ही सब कुछ जोर जोर से हिलने लगा। छात्रों में भूकंप आने की खबर फैलने के बाद क्लास रूम से बाहर निकलने के लिए भगदड़ मच गई। इसी दौरान कुछ छात्रों के बेहोश होने की खबर मिली। शिक्षक ने बताया कि बेहोश होने वालों में अधिकांश छात्राएं हैं, जो डर के कारण अचेत हो गई थी।

नेपाल-चीन सीमा पर मंगलवार को शिगात्से क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप के झटके के बाद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चीनी क्षेत्र से चढ़ाई पर चीन प्रशासन की तरफ से रोक लगा दी गई है। माउंट एवरेस्ट को चीन में माउंट कोमोलांगमा के नाम से जाना जाता है। चीन की सरकारी मीडिया समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक मंगलवार सुबह ज़िज़ांग (तिब्बत) स्वायत्त क्षेत्र में डिंगरी काउंटी में 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माउंट एवरेस्ट पर चीनी क्षेत्र से चढ़ाई पर अगली सूचना तक रोक लगाने का आदेश दिया गया है। तिब्बत के डिंगरी काउंटी में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए चीन की तरफ से आधार शिविर है। चीन की सरकारी मीडिया ने क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के हवाले से अब तक 53 लोगों के मारे जाने और 62 घायल होने की पुष्टि की है। चीन-नेपाल सीमा पर स्थित माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,840 मीटर है और इसका उत्तरी खंड तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र के डिंगरी काउंटी में स्थित है। आज सुबह जब भूकंप का तेज झटका आया तो उस समय इस क्षेत्र के मौसम का तापमान शून्य से 18 डिग्री सेल्सियस तक था। डिंगरी काउंटी ब्यूरो ऑफ कल्चर एंड टूरिज्म विभाग के अनुसार इस समय इस आधार शिविर में मुख्य रूप से सिंगापुर, मलेशिया, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों के पर्यटक मौजूद हैं और सभी के सुरक्षित होने की जानकारी दी गई है।