Deepak Kumar Yadav
रांची: रांची विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता यादव ने कहा की तकनीक के इस युग में हिंदी भाषा का भविष्य उज्ज्वल और समृद्ध नजर आ रहा है। डिजिटल क्रांति के चलते हिंदी का प्रयोग इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से बढ़ा है। स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुलभता ने हिंदी भाषी लोगों के लिए संवाद के नए अवसर खोले हैं। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइटों पर हिंदी में संवाद करना अब न केवल आसान है, बल्कि यह भाषा का व्यापक प्रसार भी सुनिश्चित कर रहा है। ई-कॉमर्स, बैंकिंग, और सरकारी सेवाओं में भी हिंदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे तकनीकी सेवाओं का लाभ अधिक से अधिक हिंदी भाषी लोगों तक पहुँच रहा है। इसके अलावा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग के विकास ने हिंदी के अनुवाद और समझने की क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है। गूगल ट्रांसलेट और अन्य भाषा अनुवादक प्लेटफार्म हिंदी को आसानी से अन्य भाषाओं में अनुवाद करने में सक्षम बना रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर हिंदी की पहुँच और भी मजबूत हो रही है। वॉयस असिस्टेंट जैसे गूगल असिस्टेंट और अमेज़न एलेक्सा ने भी हिंदी भाषा को अपनाया है, जिससे तकनीकी उपकरणों के साथ संवाद करना सरल हो गया है। शिक्षा, मनोरंजन, और सरकारी नीतियों में भी हिंदी के डिजिटल विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कुल मिलाकर, तकनीक और हिंदी भाषा का भविष्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं और आने वाले समय में हम हिंदी को और अधिक उन्नत तकनीकी रूपों में देखने की उम्मीद कर सकते हैं।