Eksandesh Desk
लातेहार: जिले के तुबेद कोलियरी से कोयला ढुलाई करने वाली कंपनी की मनमानी से ग्रामीण परेशान हो गये है। ट्रांसपोर्टिंग कंपनी की तानाशाही और लापरवाही के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि तासु पंचायत के 20 से अधिक छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई तक छोड़ देना पड़ा है। ग्रामीणों के खेतों में लगी फसल बर्बाद हो जा रहा है जिस के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
दरअसल लातेहार के तुबेद कोलियरी से कोयले को बालूमाथ रेलवे साइडिंग तक जिस रास्ते से भेजा जाता है उस रास्ते में दर्जनों गांव बसे हुये है। मुरुप से लेकर नवादा मोड़ तक कई ऐसे गांव है जो बिल्कुल सड़क के किनारे स्थित है इस सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कोयला लेकर गाड़ियां गुजरती है। ग्रामीणों का आरोप है कि कोयला ट्रांसपोर्ट में लगे ट्रक इतनी तेज रफ्तार में चलते हैं कि सड़क पर चलना कठिन हो जाता है इसके अलावा कोयला लोड रहने के कारण ट्रकों के परिचालन से सड़क पूरी तरह से जर्जर भी हो गई और धूल से भर गई है कोयला लेकर गाड़ियां गुजरती है तो धूल से पूरा इलाका भर जाता है इस कारण कई ग्रामीण बीमार भी पड़ने लगे है।
स्थानीय ग्रामीण पुरुषोत्तम राम , सोनू कुमार और दिनेश भुईयां आदि ने बताया कि गांव में प्राथमिक विद्यालय तक तो शिक्षा की व्यवस्था है। परंतु प्राथमिक विद्यालय के बाद आगे की पढ़ाई के लिये बच्चों को लगभग 5 किलोमीटर दूर मुरुप गांव जाना पड़ता है स्कूल जाने के लिए बच्चों को जिस सड़क से गुजरना होता है।उस सड़क पर कोयला लोड ट्रक , धूल उड़ाते हुये तेज गति से गुजरते है। मजबूरी में अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुये स्कूल भेजना बंद करना पड़ा स्कूल नहीं जाने से गांव के 20 से अधिक बच्चों का जीवन बर्बाद हो रहा है इसके अलावे ट्रक से उड़ने वाली धूल के कारण सड़क के अगल-बगल खेतों में लगी फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो रहा है।
वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि कोयला ढुलाई के लिये गांव से दूर दूसरा सड़क का निर्माण किया जाये जब तक सड़क नहीं बनती है तब तक कम से कम गांव से गुजरने के दौरान ट्रकों की रफ्तार पर लगाम लगाया जाये। वहीं बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिये कोयला कंपनी और कोलियरी की ओर से वाहन की व्यवस्था कराया जाये ताकि गांव के बच्चे आगे की पढ़ाई कर सके।
*आंदोलन की राह पर ग्रामीण*
इधर धूल और कोयला परिवहन में लगी गाड़ियों की तेज रफ्तार से परेशान ग्रामीण अब आंदोलन की राह पर चल पड़े है 2 दिन पूर्व ही स्थानीय ग्रामीणों ने जानी गांव के पास सड़क जाम कर दिया था। हालांकि उस दौरान कोयला कंपनी के प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों से मिलकर यह आश्वासन दिया कि वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाया जायेगा।
इसके अलावा नियमित रूप से पानी छिड़काव की भी बात कही गया है परंतु ग्रामीणों का कहना है कि जो बच्चे स्कूल जाने से वंचित हो रहे है उनके लिये कम से कम कोलियरी प्रबंधन के द्वारा स्कूल जाने के लिये वाहन की व्यवस्था कराया जाये नहीं तो इस सड़क से कोयला परिवहन को रोक दिया जायेगा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से भी मांग की है कि इस मामले में उचित कार्रवाई करें ताकि गांव के बच्चों का जीवन बर्बाद होने से बच सके। दो