WASHIM AHMAD
बालूमाथ: बालूमाथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार की सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन व्रती और श्रद्धालु अपने परिजनों के साथ शुक्रवार की सुबह विभिन्न नदी घाटों और तालाबों के किनारे पहुंचे। उन्होंने पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया।जबकि बालूमाथ छठ तालाब में छठव्रतियों को पूजापाठ पंडित अमरनाथ मिश्रा ने कराया वही झारिवा तालाब में पंडित दीनानाथ वैध ने कराया। साथ ही नहाय-खाय के साथ 5 नवम्बर से शुरू हुए लोक आस्था के इस पर्व के दूसरे दिन व्रतियों के सूर्यास्त होने पर खरना के तहत खीर का भोग लगाये जाने के बाद उनके द्वारा रखा गया 36 घंटे का निर्जला उपवास वृहस्पतिवार की शाम डूबते हुए सूर्य एवं शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण भोजन के साथ संपन्न हो गया।
आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है।इसी के साथ व्रती घाट पर ही पूजा के बाद प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलते है। सुबह घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामाग्री औऱ गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और सुख समृद्धि की कामना की।छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक पूरा बालूमाथ प्रखंड भक्तिमय रहा। बालूमाथ के इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। बालूमाथ पुलिस द्वारा चौक चौराहो से लेकर छठ घाट पर भारी सुरक्षा व्यवस्था का इंतेजाम किया गया था। वही मकयाटाड़ छठ घाट में पिकेट प्रभारी रामजी ठाकुर अपने दलबल के साथ सुरक्षा में तैनात थे। इस अवसर पर सीओ बीडीओ मुखिया नरेश लोहरा ईश्वरी पासवान सहित छठ समिति के अध्यक्ष रवि सिंह, रवि रजक, हिमांशू कुमार, लालदेव गंझु, नीरज कुमार, राजा तिवारी सहित कार्यकर्त्ता ने अपना सहयोग दिया।