चाराें ओर बर्फ की सफेद चादर बिछने से खूबसूरत नजारा लोगों को कर रहा आकर्षित
Eksandeshlive Desk
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के चारों धामों के इलाकाें में मंगलवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई। चाराें ओर बर्फ की सफेद चादर बिछने से कई वर्ष बाद अक्टूबर में ऐसा खूबसूरत नजारा देखने को मिला है। जिलेभर में सोमवार से हो रही रिमझीम बारिश के बाद आज गंगोत्री व यमुनोत्री सहित दयारा और हरकीदून घाटी समेत भारत- चीन सीमा की अग्रिम चौकियों पीडीए, सोनम, जादूंग, नेलांग घाटी की ऊंची चोटियों पर शुरू हुई बर्फबारी का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। कई वर्ष बाद अक्टूबर में बर्फबारी देखने को मिली है। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा : मौसम पूर्वानुमान के अनुसार जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही सामान्य वर्षा के दृष्टिगत, जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र, यात्रा नियंत्रण कक्ष में उपस्थित रहकर चारधाम यात्रा पर आए यात्रियों के वाहनों के सुरक्षित एवं सावधानीपूर्वक आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाए जाने तथा सड़क संबंधी सभी विभागों को मार्गों को सुचारु एवं सुलभ बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की सतत निगरानी की जा रही है। मौसम को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई है! पिछले कुछ दिनों से मौसम साफ होने के कारण जनपद में स्थित यमुनोत्री व गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा देखने को मिला, दोनों धामों श्रद्धालुओं की चहलकदमी गुलजार हुआ है।
मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी, इस वर्ष पड़ेगी कड़ाके की ठंड : उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में असामान्य रूप से लंबी और कठोर सर्दियों की तैयारी चल रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ला-नीना प्रभाव के कारण भारी बर्फबारी और लंबे समय तक ठंड रहेगी, जिससे वसंत का आगमन मार्च 2026 तक टल जाएगा। पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ ए. एस. नैन ने कहा है कि राज्य में दिसंबर से ला-नीना प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि तापमान में लगातार गिरावट आएगी, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।