Ajay
रांची: मंगलवार को वाईबीएन विश्वविद्यालय स्थित सभागार में विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई ने एक कार्यक्रम आयोजित कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 127 वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित की गई। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. नरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि नेताजी की उपाधि पाने वाले देश से एकमात्र नेता सुभाष चंद्र बोस थे। देश के लिए उनके त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। नेताजी ने आजादी के लिए जय हिन्द, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, चलो दिल्ली जैसे नारे दिए जिन्होंने युवाओं में आजादी के लिए प्रेरणा का काम किया। इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए एनएसएस कोऑर्डिनेटर इं० कौशल किशोर,ने नेताजी का जीवन दर्शन मातृभूमि के लिए त्याग और संघर्ष का अप्रतिम उदाहरण बताया। मौके पर वाईबीएन विश्वविद्यालय प्रशासन समिति की उपस्थिति के साथ साथ विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और शिक्षक एवं छात्र-छात्राए मुख्य रुप से शामिल थे।
बताते चले कि भारत के महान क्रांतिकारी, विभिन्न आंदोलनों के अगुआकार नेताजी की उपाधि प्राप्त करने वाले सुभाष चंद्र बोस को सम्मान और उनके पराक्रम को सराहने के लिए प्रतिवर्ष 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती के रूप में मनाया जाता है। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में बंगाली परिवार में हुआ था। नेताजी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया और युवाओं में आजादी के लिए लड़ने का जज्बा पैदा किया। आजादी के लिए उनके द्वारा किये गए संघर्ष को नमन करने के लिए उनकी जयंती को प्रतिवर्ष मनाया जाता जाता है।