Eksandeshlive Desk
रांची : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शनिवार को विधानसभा में विधायकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने झारखंड विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा का अध्यक्ष विधानसभा का संरक्षक होता है। विधानसभा में स्पीकर की भूमिका अहम और महत्वपूर्ण हाेती है। उन्होंने कहा कि यदि हम दुनिया की गति से आगे नहीं बढेंगे हम महज अतीत का हिस्सा बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है।
हरिवंश ने कहा कि इसके पूर्व उन्हें जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला था। कार्यक्रम में उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन भविष्य के नेताओं को प्रशिक्षित करने का काम करता है, जिसे देखने का अवसर मुझे मिला है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण आपको भविष्य की योजना बनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार करता है। संसदीय प्रणाली के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण हमारी लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा हैं। वहीं कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने सदन की गरिमा बनाए रखने में विधायकों की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि सदस्य वेल में आकर अपनी बातों को मनवाने के लिए दवाब बनाने की कोशिश करते हैं जो संवैधानिक रूप से भले ही उचित नहीं है, मगर व्यवहारिक रुप से अनुचित भी नहीं है।
वहीं विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य सीपी सिंह ने कहा कि मीडिया में बने रहने के लिए लोग सदन में जिस तरह का व्यवहार करते हैं, वह उचित नहीं है। उन्होंने सदन की कार्यवाही साल में कम से कम 60 दिन चलाए जाने की वकालत की और वर्तमान सरकार से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया। इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने लोकतंत्र और समावेशी विकास पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 24 वर्ष हो गए हैं, युवा झारखंड अपने 25वें वर्ष में है, लेकिन पहले 20 वर्षों में किसी भी सरकार ने समावेशी विकास पर ध्यान नहीं दिया।