Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल विद्युत प्राधिकरण की संचालन समिति की बैठक ने विद्युत दुर्घटनाओं के कारण कर्मचारियों या आम नागरिकों की मृत्यु होने पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक राहत राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। ऊर्जा, जलस्रोत तथा सिंचाई मंत्री दीपक खड़का की अध्यक्षता में आयोजित प्राधिकरण की 995वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, विद्युत दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्मचारियों के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये राहत और परिवार के तीन स्तर तक रोजगार की व्यवस्था थी। वहीं, आम नागरिकों के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये तक राहत देने की व्यवस्था थी। लेकिन शुक्रवार को मंत्री खड़का की अध्यक्षता में हुई बैठक ने यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी है। बैठक में मंत्री खड़का ने यह भी निर्देश दिए कि विद्युत दुर्घटना के पीड़ितों को दी जाने वाली राहत किसी भी बहाने से रोकी न जाए और तत्काल प्रदान की जाए।
बैठक में विद्युत वितरण विनियमावली 2078 को संशोधित करते हुए उपभोक्ताओं की असंतुष्टि से जुड़ी पुनरावेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार का निर्णय किया गया। उपभोक्ता यदि अपने विद्युत बिल को लेकर असंतुष्ट हैं और पुनरावेदन करना चाहते हैं तो अब उन्हें पहले की तरह 25 प्रतिशत जमानत नहीं, बल्कि केवल 5 प्रतिशत जमानत राशि ही जमा करनी होगी। आम नागरिकों द्वारा विद्युत प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर बार-बार असंतोष प्रकट किया जाता रहा है। यह निर्णय उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करेगा और प्राधिकरण के प्रति नागरिकों का विश्वास बढ़ाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन संस्थाओं ने प्राधिकरण से सेवा अनुबंध किया है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण सेवा देने में विफल रहे हैं, उनके अनुबंधों का नवीकरण रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही, जहां राष्ट्रीय ग्रिड का विस्तार हुआ है, वहां प्राधिकरण स्वयं सेवा प्रदान करेगा। जो संस्थाएं गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान कर रही हैं, उनकी मूल्यांकन कर आवश्यकता अनुसार अनुबंध को जारी रखा जाएगा।
बैठक में ऊर्जा मंत्रालय के सचिव की संयोजकता में एक प्रशासकीय पुनरावलोकन समिति गठन करने का निर्णय भी किया गया है। इस चार सदस्यीय समिति में प्राधिकरण के उपकार्यकारी निदेशक, विद्युत विकास विभाग के विशेषज्ञ, तथा प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक सदस्य-सचिव के रूप में शामिल होंगे। यह समिति निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी, ऐसा प्राधिकरण ने बताया है। प्राधिकरण के संचालन समिति के सदस्य श्याम किशोर यादव ने बताया कि उपभोक्ताओं और आम नागरिकों को केंद्र में रखकर प्राधिकरण के सुधार हेतु यह महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।