विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आंतरिक सुरक्षा अपरिहार्य : प्रधानमंत्री

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डीजीपी -आइजी कॉन्फ्रेंस में कानून व्यवस्था और आतंकवाद पर रोडमैप तैयार

Eksandeshlive Desk

रायपुर : छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के आईआईएम परिसर में डीजीपी-आइजी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि विजन 2047 के तहत विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आंतरिक सुरक्षा अपरिहार्य है। दूसरे दिन शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की मौजूदगी में कानून व्यवस्था व आतंकवाद पर रोडमैप तैयार किया गया। इसमें नक्सलवाद, काउंटर टेररिज्म, महिलाओं की सुरक्षा, एआई जांच पर फोकस किया गया। विजन 2047 के तहत सुरक्षा की चर्चा और थानों की रैंकिंग घोषित हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने डीजीपी-आईजीपी को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमारी पुलिस बल को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा ताकि अपराध और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा सके।

कॉन्फ्रेंस में 16,000 से अधिक थानों की उत्कृष्टता रैंकिंग भी घोषित की गई, जिसमें मध्य प्रदेश के मंदसौर थाने को टॉप-10 में स्थान मिला। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष सत्र में पीएम ने ‘मिशन शक्ति’ को मजबूत करने का आह्वान किया। छत्तीसगढ़ नवा रायपुर में आयोजित 60वीं अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की सुरक्षा का रोड मैप पेश किया। देश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष देश की चुनौतियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (नक्सलवाद), काउंटर टेररिज्म, आपदा प्रबंधन, महिलाओं की सुरक्षा और फॉरेंसिक साइंस के उपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई। अधिकारियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा। चाहे वह पारंपरिक हो या ‘व्हाइट-कॉलर’ टेरर। साथ ही एआई और डिजिटल टूल्स के जरिए जांच को तेज करने पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि रोडमैप से पुलिस सुधारों को गति मिलेगी और 2047 तक आतंकमुक्त भारत का लक्ष्य हासिल होगा। कॉन्फ्रेंस के निष्कर्षों को जल्द ही नीतिगत रूप दिया जाएगा।

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