वक्फ बिल में संशोधन पर झारखंड में सियासी तापमान चढ़ा, कांग्रेस ने कहा-मुस्लिमों के अधिकारों पर आक्रमण, भाजपा का पलटवार

Politics

Eksandeshlive Desk

रांची : प्रदेश के कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने वक्फ बिल में हुए संशोधन को मुस्लिम समाज पर आक्रमण बताया और कहा कि अभी इस विधेयक के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीना गया है। आने वाले समय में अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों पर हमला होगा। यह बातें शुक्रवार को वह पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहीं। भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए मंत्री शिल्पी के बयान को तथ्यों से परे और भ्रामक बताया, समाज में अनावश्यक भय और भ्रम फैलाने का प्रयास करता है।

…देश भाजपा के कानून से चलेगा : तिर्की ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 30 के अनुसार अल्पसंख्यकों को अपनी संपत्तियों के स्वामित्व का प्रबंधन, धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए मौलिक अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कई ऐसे विधेयक सदन से पारित कराया है जिस पर चर्चा नहीं हुई है। भाजपा समाज, जनता और मीडिया को दिखाती कुछ है, लेकिन उनकी अंदरूनी कार्य योजना कुछ और होती है। कानून से नहीं बल्कि भाजपा के कानून से देश चलेगा। मंत्री ने कहा कि भाजपा ने इस बिल के माध्यम से बताने का प्रयास किया है कि यह देश संविधान और कानून से नहीं बल्कि भाजपा के कानून से चलेगा। भाजपा इस संशोधन के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को अधिकार देने की बात करती है, लेकिन सच्चाई है कि मुस्लिम महिलाओं को भाजपा हमेशा नीचा दिखाने का काम करती है। वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने रघुवर दास की बातों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने शासन में आदिवासी पहचान की रक्षा नहीं, बल्कि वे अतीत में खुद के किए आदिवासी विरोधी कार्यों को लोगों के दिमाग से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

दोहरी बातें करती है भाजपा : प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि भाजपा दोहरी बातें करती है। सदन में केंद्रीय मंत्री इस बिल के संबंध में मुस्लिम सशक्तिकरण की बातें करते हैं और राज्य में भाजपा नेता कांग्रेस झामुमो पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हैं। भाजपा इस विधेयक को आदिवासियों के जमीनों का संरक्षक बताती है, जबकि झारखंड में आदिवासियों की जमीन पहले से ही सीएनटी एसपीटी एक्ट के माध्यम से संरक्षित है, अगर भाजपा ने इसका पालन ईमानदारी से अपने लंबे कार्यकाल में किया होता तो आदिवासियों की जमीनों की इतनी समस्याएं नहीं होती। इस मौके पर पार्टी के विधायक नमन विक्स्ल कोनगाड़ी, प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, प्रवक्ता सोनाल शांति और शांतनु मिश्रा उपस्थित थे।

भाजपा बोली-अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को गुमराह न करे कांग्रेस : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार झूठ और भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के दिए गए बयान पर गहरी आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। यह बयान तथ्यों से परे और भ्रामक है, जो समाज में अनावश्यक भय और भ्रम फैलाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को कांग्रेस गुमराह न करे। राफिया ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज कांग्रेस आदिवासी समुदाय के हितों की बात कर रही है, जो हास्यपद है। कांग्रेस ने तो एक आदिवासी बेटी जो देश के सर्वोच्च पद पर बैठी है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के राष्ट्रपति बनने के ख़िलाफ़ थे और कई अपशब्द कहने से भी पीछे नहीं रहे थे। इसके अलावा, झारखंड में पेसा कानून अभी तक लागू नहीं किया गया है, जिससे आदिवासी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। साथ ही, कांग्रेस पार्टी सरना धर्म कोड की बात करती है जबकि केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने इसके खिलाफ निर्णय लिए थे। यहां तक कांग्रेस उस पार्टी राजद से हाथ मिला कर बैठी है जिसके प्रमुख झारखंड अलग राज्य के विरोध में थे और कहा करते थे कि झारखंड मेरी लाश पर बनेगा। यहां तक रांची सिरम टोली स्थित सरना स्थल की समस्या का समाधान भी कांग्रेस से नहीं हो पा रहा।

कांग्रेस को गरीब मुसलमानों की चिंता करनी चाहिए : राफिया ने कांग्रेस से सवाल किया कि जब 1994,1995 और 2013 मे कांग्रेस की ओर से तीन बार वक़्फ़ बोर्ड का संशोधन किया तब क्या ये लोकतंत्र या अल्पसंख्यक विरोधी नहीं था। भाजपा सरकार चाहती है की वक्फ बोर्ड संशोधन के जरिये की वक्फ संपत्ति को भू-माफियाओं और लुटेरों के चंगुल से मुक्त हो तथा गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल हो। लेकिन कुछ लोग इसे गरीब मुसलमानों के हित में इस्तेमाल करने की बजाय भू-माफियाओं की कठपुतली बनकर काम कर रहे हैं। यह दुखद है, कांग्रेस को गरीब मुसलमानों की चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा जो विधेयक लाया जा रहा है वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है जिसे कांग्रेस ने बनाया था। इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए। राफिया ने कहा यह विधेयक रिफार्म के लिए है, रिवोल्ट के लिए नहीं। यह बिल गरीब मुस्लिमों और महिलाओं के अधिकारों को भी सुनिश्चित करेगा।

आजसू नेता आदिल अजीम ने छोड़ी पार्टी : वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो जाने और उसमें आजसू पार्टी के समर्थन से नाराज चान्हो जिला परिषद सदस्य और आजसू नेता आदिल अज़ीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को उन्होंने इससे संबंधित पत्र जारी कर कहा है कि वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी सभा के मंच से एक विशेष समुदाय को टार्गेट करने और वक्फ बिल संशोधन अधिनियम पर पार्टी के स्टैंड से वे काफी मर्माहत हुए हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।