व्यापार, पारगमन और सहयोग पर हुई भारत-नेपाल अंतर-सरकारी समिति की बैठक

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Ashutosh Jha

काठमांडू : अनधिकृत व्यापार से निपटने के लिए व्यापार, पारगमन और सहयोग पर भारत-नेपाल अंतर-सरकारी समिति (आईजीसी) की बैठक काठमांडू में आयोजित की गई। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। नेपाली पक्ष का नेतृत्व नेपाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के सचिव गोबिंद बहादुर कार्की ने किया, जिनके साथ विभिन्न नेपाली मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि भी थे।

व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय तंत्र आईजीसी की इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के संपूर्ण आयाम की व्यापक समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने आपसी बाजार पहुंच मुद्दों, आईपीआर और शुल्क संबंधी मुद्दों की समीक्षा की। एजेंडे में पारगमन संधि और व्यापार संधि की समीक्षा, मौजूदा समझौतों में प्रस्तावित संशोधन, मानकों के सामंजस्य और रक्सौल-बीरगंज रेल लाइन के विद्युतीकरण सहित व्यापार बुनियादी ढांचे के समन्वित विकास पर चर्चा भी शामिल थी। बैठक के दौरान भारतीय पक्ष ने बताया कि नेपाल द्वारा 2,00,000 मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है। नेपाली पक्ष ने नेपाल को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में भारतीय पक्ष के निरंतर सहयोग के लिए उसकी सराहना की।

नेपाली पक्ष के अनुरोध पर, भारतीय पक्ष ने सहमति व्यक्त की कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मौजूदा नियमों के अनुसार, काकरभिट्टा (नेपाल)-बांग्लाबंधा (बांग्लादेश) वाया फुलबारी (भारत) मार्ग पर कार्गो-इन-ट्रांजिट के संबंध में दो एक्सल वाहनों के लिए 18.5 टन और तीन एक्सल वाहनों के लिए 28 टन का अधिकतम एक्सल भार भी नेपाली वाहनों पर लागू हो सकता है। नेपाली पक्ष के अनुरोधों के जवाब में, भारतीय पक्ष ने सूचित किया कि साल के बीज और चायोट को भारत के प्लांट क्वारंटीन ऑर्डर में शामिल किया गया है। जटामासी – जड़ का अर्क; सुगंधकोकिला बेरी का अर्क; सुगंधवाल प्रकंद का अर्क और तिमूर बेरी के अर्क को प्रसंस्कृत वस्तुओं (प्लांट प्रोडक्ट्स) की सूची में शामिल करने का अनुरोध भी स्वीकार कर लिया गया है।

भारतीय पक्ष के अनुरोध पर नेपाली पक्ष ने अपनी तकनीकी प्रणालियों में ईपीएक्यू और पॉलीहाइड 28 जैसे उत्पादों के पुनर्वर्गीकरण के बारे में दस्तावेज़ों की समीक्षा करने के लिए खुलापन व्यक्त किया। भारतीय पक्ष ने नेपाल को दूध निर्यात में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। नेपाली पक्ष ने नेपाल में पर्याप्त रूप से उत्पादित नहीं होने वाले दूध उत्पादों जैसे मट्ठा और पनीर के लिए भारतीय पक्ष के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक में भारत और नेपाल के बीच निर्बाध सीमा पार संपर्क को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय पहलों का स्वागत किया गया, जिसमें नए एकीकृत चेक पोस्ट और रेलवे लिंक का निर्माण शामिल है। दोनों पक्षों ने समृद्ध द्विपक्षीय व्यापार के साझा दृष्टिकोण को दर्शाते हुए द्विपक्षीय संपर्क को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों पक्षों ने नेपाल और एसएएफटीए की स्वीकृति पर चर्चा के लिए एक संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति व्यक्त की। संयुक्त सचिव स्तर पर व्यापार, पारगमन और अनधिकृत व्यापार से निपटने के लिए सहयोग पर अंतर-सरकारी उप-समिति (आईजीएससी) की बैठक पहले 12-13 जनवरी 2024 को काठमांडू में हुई थी।

संयुक्त व्यापार मंच का दूसरा संस्करण भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और नेपाली वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (एफएनसीसीआई) द्वारा बैठक के दौरान आयोजित किया गया। इसकी सह-अध्यक्षता भारतीय तेल निगम के निदेशक (पाइपलाइन, योजना एवं व्यवसाय विकास) श्री एन. सेंथिल कुमार और नेपाल के निवेश बोर्ड की सदस्य सुश्री भवानी राणा ने की। संयुक्त व्यापार मंच ने दोनों पक्षों के व्यवसायों को द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के संदर्भ में व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझावों को उजागर करने का अवसर दिया।भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार और निवेश साझेदार बना हुआ है, जो नेपाली आयात और निर्यात दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देता है।आईजीसी में विचार-विमर्श से दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।