“यदि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार आई तो सांप्रदायिक दंगे होंगे” की चेतावनी देने पर भी चुनाव में हार जाने से बौखलाए भाजपा नेतृत्व ने, लगता है कि कर्नाटक ही नहीं बल्कि पूरे देश में कांग्रेस नेताओं पर CBI के ताबड़तोड़ छापों का इंतजाम कर दिया है. तभी तो राज्य में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने के चंद घंटों में ही शनिवार 13 मई की शाम को नए CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए एक हाई-लेवल मीटिंग हुई और अगले दिन रविवार 14 मई को केंद्र सरकार ने CBI के नए निदेशक प्रवीण सूद का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी नेका नाम फाइनल किया.
प्रवीण सूद के साथ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार से 36 का आंकड़ा है. डी.के. शिवकुमार और प्रवीण सूद के संबंध इतने खराब हो गए थे कि शिवकुमार ने उन्हें ‘नालायक’ तक कह दिया था. “उन्होंने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं. वे तीन साल से DGP हैं, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं. उनके खिलाफ FIR होनी चाहिए.”
शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि प्रवीण सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन बीजेपी नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी. उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी. शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रवीण सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
1986 बैच के आइपीएस अधिकारी प्रवीण सूद दो साल तक इस पद पर रहने वाले हैं. हालांकि मई 2024 में उनकी सेवानिवृत्ति थी, लेकिन इस नियुक्ति के बाद उनका कार्यकाल मई 2025 तक के लिए बढ़ गया है. वे 25 मई को अपना नया पदभार ग्रहण करेंगे.
प्रवीण सूद ऐसे समय में CBI निदेशक का पद संभाल रहे हैं, जब एजेंसी कई संवेदनशील मामलों की जांच कर रही है. इनमें पेगासस स्पाइवेयर, कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा उपकरणों की खरीद में घोटाला जैसे मामले शामिल हैं.
प्रवीण सूद के नाम का विरोध इस बैठक में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किया. ‘लाइव मिंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि प्रवीण सूद IPS अधिकारियों के उस पूल का हिस्सा भी नहीं थे जो केंद्र में DGP पद की सेवाएं दे सके.
तो यह प्रश्न सहज ही उठता है कि क्या प्रवीण सूद अपने उस अपमान को भूलकर एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की तरह काम करेंगे?
लगता तो नहीं; क्योंकि सत्तालोलुप हिटलर के चरणचिह्नों पर चल रहे माननीय मोदी जी के बारे में यह बार-बार कहा जाता है कि वे अपने आलोचकों के ‘उपकारों’ को न भूलते हैं और न ही उन्हें माफ करते हैं.
क्या शायद इसीलिए कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के नेताओं में भय और आतंक फैलाकर 2024 में लोकसभा चुनाव हर हाल में जीतने के लिए प्रवीण सूद को CBI का नया निदेशक नियुक्त किया गया है!!!
(विंग कमांडर अनुमा आचार्या की कलम से)