130वां संविधान संशोधन, नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-टू और सूर्या हांसदा मुठभेड मामले में सरकार एक्सपोज : डॉ. सूरज मंडल

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आन्दोलनकारियों की भावना को ध्वस्त कर दिया सत्तारूढ दलों ने

Eksandeshlive Desk

रांची: अखिल भारतीय संपूर्ण क्रांति राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद, पूर्व जैक उपाध्यक्ष, झारखण्ड मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ. सूरज मंडल ने कहा है कि संसद में प्रस्तुत 130 वां संविधान संशोधन विधेयक, नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-टू और सूर्या हांसदा के एनकाउंटर मामले में सरकार और इसके कर्ताधर्ता ने अपनी कथनी और करनी से जैसा रवैयाणअपनाया है वह इस बात को स्पष्ट करने के लिये काफी है कि झारखण्ड सरकार और इसके लोग पूरी तरीके से एक्सपोज हो चुके हैं. डॉ. मंडल ने कहा कि यह महज संयोग है कि यह तीनों वैसा महत्वपूर्ण मामला बन चुका है जिसमें आम जनता, न केवल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके मंत्रियों बल्कि सत्तारूढ गठबंधन के विधायकों एवं तथाकथित जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को भी बहुत बेहतर तरीके से समझ रही है.
डाॅ. मंडल ने कहा कि संसद में प्रस्तुत 130 वें संविधान संशोधन विधेयक में इस बात का प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री जेल चला जाता है और 30 दिन तक उसकी जमानत नहीं होती है तो 31 वें दिन वह स्वत: अपने पद पर नहीं रहेगा. लेकिन अब यह समझने वाली बात है कि आखिर इससे दर्द या तकलीफ किसे हो रही है और आम जनता इन सभी बातों को अच्छी तरीके से समझ रही है. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि झारखण्ड के परिप्रेक्ष्य में यह स्पष्ट हो गया है कि यहाँ के अनेक मंत्री और सत्तारूढ गठबंधन के विधायकों की वैसी गतिविधियाँ, जो पूरी तरीके से आपराधिक है, के कारण ही वैसे लोगों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है.
डाॅ. मंडल ने कहा कि सूर्या हांसदा के मामले में भी सरकार ने जो रवैया अपनाया है उससे जाहिर है कि सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों के साथ ही सत्तारूढ दलों एवं संबंधित सरकारी अधिकारियों का पूरा जोर मामले की लीपापोती करने और सच छुपाने पर है और यह पूरी तरीके से स्पष्ट हो चुका है. उन्होंने कहा कि कोयला, लोहा, बालू, पत्थर और अन्य माफियाओं से घिरी सरकार के कारण झारखण्ड में सभी तरह का अपराध, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था बढ़ी है लेकिन अफसोस की बात है कि झारखण्ड सरकार के जिम्मेदार लोगों को इस बात की थोड़ी-सी भी शर्म, चिन्ता या जवाबदेही नहीं है.
डॉ. मंडल ने कहा कि नगड़ी में खेती योग्य रैयतों की भूमि पर निर्माणाधीन रिम्स-टू के निर्माण के मामले में भी सरकार और सत्तारूढ दलों के अंदर ही अंतर्कलह है और यह बात सामने आ चुकी है. डॉ. मंडल ने कहा कि वे भी झारखण्ड के तेजी से विकास के पक्षधर हैं पर वह विकास जनता या रैयतों के अधिकार की कीमत पर किसी भी हाल में नहीं होना चाहिये.
डॉ. मंडल ने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि झारखण्ड के लोग यह सब देखने और भुगतने के लिये विवश हैं दूसरी ओर शर्म, सूचिता और नैतिकता को छोड़कर झारखण्ड सरकार और उसके जिम्मेदार लोग अपने रास्ते पर बढ़ते ही चले जा रहे हैं.

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