40 महिला श्रद्धालुओं के जत्थे ने महाराष्ट्र के गुरुद्वारा सचखंड श्री नांदेड़ साहिब के दर्शन किए

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Eksandeshlive Desk
रांची : रांची से 14 फरवरी को रवाना हुए स्त्री सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी की 40 महिला श्रद्धालुओं के जत्थे ने महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा सचखंड श्री नांदेड़ साहिब समेत अन्य गुरुद्वारों के दर्शन किए। इस क्रम में जत्थे ने सचखंड गुरुद्वारा श्री हजूर साहिब,बंदी घाट, शिकार घाट साहिब, गुरुद्वारा माता साहिब, मालटेरकरी साहिब, संगत साहिब, गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब, गुरुद्वारा श्री नानकसर साहिब, गुरुद्वारा श्री नानकपुरी साहिब, गुरुद्वारा श्री रतनगढ़ साहिब, गुरुद्वारा श्री लंगर साहिब, गुरुद्वारा श्री हीरा घाट, गुरुद्वारा श्री नगीना घाट, गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब के दर्शन किए। साथ ही नांदेड़ से दूर कर्नाटक स्थित गुरुद्वारा श्री नानक झीरा साहिब बिदर कर्नाटक तथा माता भागो कौर तपस्थान के दर्शन भी किए।
स्त्री सत्संग सभा,कृष्णा नगर कॉलोनी की 40 महिला श्रद्धालुओं का जत्था 14 फरवरी को हटिया स्टेशन से दोपहर 3.45 बजे तपस्विनी एक्सप्रेस से राउरकेला के लिए रवाना हुआ था जहां से वे खड़गपुर,कलकत्ता तथा टाटा से आए 150 श्रद्धालुओं के साथ सम्मिलित होकर रात नौ बजे संतरागाछी एक्सप्रेस से प्रस्थान कर 15 की रात नौ बजे नांदेड़ पहुंचे। जत्थे का नेतृत्व मनजीत कौर, हरजिंदर कौर,मनोहरी काठपाल एवं बलबीर मिढ़ा ने किया.जत्था 20 फरवरी की रात रांची वापस पहुंचेगा।
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि गोदावरी नदी के तट पर स्थित तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब को अबचलनगर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है स्थिर शहर। यहां गुरुद्वारा साहिब में स्थित बुंगा माई भागो नामक कमरे में रखे गए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की पवित्र निशानियों जिसमें गुरु गोबिंद सिंह जी की एक धनुर्धर और पैंतीस तीरों के साथ दो धनुष, पांच तलवारें और सुंदर पत्थरों से जड़ी एक ढाल जैसी कलाकृतियाँ के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
स्त्री सत्संग सभा के जत्थे में मनजीत कौर,हरजिंदर कौर,मनोहरी काठपाल,बलबीर मिढ़ा,सुषमा गिरधर,अंजू पपनेजा,किरण गेरा,ज्योति मिढ़ा,नीतू किंगर,संगीता अरोड़ा,जसवीर कौर मुंजाल,आशा खत्री,कौशल्या खत्री,किरण मुंजाल,बिमला खत्री,प्रेमी काठपाल,ममता थरेजा,किरण मल्होत्रा,गीता मिढ़ा,बबली शर्मा,बबली असीजा,पप्पी अरोड़ा,आशा अरोड़ा,राज काठपाल,कमलेश मुंजाल,राज कौर मिढ़ा,दुर्गी देवी मिढ़ा,पम्मी डावरा तथा हरनाम थरेजा समेत अन्य शामिल थी।