जल संसाधन विभाग में प्रोन्नति में आरक्षण और वरीयता के नियमों को नजरअंदाज किया जा रहा: सहदेव राम

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sunil Verma
रांची: राज्य सरकार के अधीन जल संसाधन विभाग एक ऐसा विभाग है जहाँ हमेशा कर्मचारियों एवं अभियंताओं की प्रोन्नति में वरियता और आरक्षण को नजरअंदाज किया जाता रहा है। दिसम्बर माह में विभाग के ज्ञापांक संख्या-7363 दिनांक 30. 12.2023 के आधार पर 214 कनीय अभियंता असैनिक का प्रोन्नति सहायक अभियंता असैनिक में किया गया था जिसमें वरीयता के आधार पर सामान्य कोटि से 14 अनुसूचित जाति कनीय अभियंता असैनिक का प्रोन्नति सहायक अभियंता असैनिक में किया गया था तथा आरक्षण के आधार पर 07 अनुसूचित जाति कनीय अभियंता असैनिक को सहायक अभियंता में आरक्षण नियमों के आधार पर प्रोन्नति दी गई थी। उक्त बातें एनएफडब्लूएसएस के नेशनल प्रेसिडेंट सहदेव राम ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही । उन्होंने कहा कि जैसा कि झारखण्ड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के पत्रांक-14/कोर्ट-02-11/2022 का0 3463 का निर्देश है, जिसमें भारत सरकार के पत्रांक 36028/17/2001 ईस्ट (आर.ई.एस.), दिनांक 11.07.2002 तथा पत्रांक 36012/45/2005 ईस्ट (आर.ई.एस.) दिनांक 10.08.2010 में संदर्भित करते हुए कहा गया है कि वरीयता-सह-पात्रता के प्रावधान के अन्तर्गत प्रोन्नति प्रदान करने अथवा विचार करते समय, समय, मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से उपर रहने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिन्दु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी उपरोक्त आदेश के बावजूद भी प्रोन्नति में विसंगतियां बरती गई थी, जिसके लिए विभाग के सचिव सहित मुख्य सचिव को लिखित रूप से जानकारी दी गई थी। पुन: इस बार प्रोन्नति की सूचि विभाग द्वारा तैयार की जा रही है तथा आरक्षण एवं रोस्टर के आधार पर 28 अनुसूचित जाति कनीय अभियंता असैनिक को सहायक अभियंता असैनिक में प्रोन्नति दी जानी है, जिसमें 16 को आरक्षण के आधार पर तथा 12 को वरीयता को आधार पर दी जानी है। किन्तु प्रोन्नति सूचि बनाने वाले अधिकारी/कर्मचारी, विभाग तथा कार्मिक विभाग को गुमराह करते हुए यह दलील दी जा रही है कि विभाग के ज्ञापांक-7363 दिनांक 30.12.2023 में जो प्रोन्नति वरीयता के आधार पर अनुसूचित जाति के 14 कनीय अभियंताओं असैनिक को जोड़ देने की प्रक्रिया की जा रही है जिसके कारण आरक्षण के आधार पर 16 के जगह मात्र 02 ही अनुसूचित जाति कनीय अभियंता को प्रोन्नति मिलेगी जिसका ना तो कोई आधार है न नियम कानून। इस संबंध में भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशनर्स कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ज्ञापांक संख्या-20011 /1/2001 -ए२३३. (ऊ) दिनांक 21 जनवरी 2002 का खुला उल्लंघन है। इस संबंध में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, प्रधान सचिव कार्मिक लोक शिकायत विभाग, सचिव जल संसाधन विभाग, झारखण्ड लोक सेवा आयोग तथा अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, नई दिल्ली को तत्काल कारवाई करने का अनुरोध किया गया है ताकि विभोग के द्वारा अनुसूचित जाति अभियंता अपने प्रोन्नति से वंचित न होने पाय।