sunil verma
सरकार दोषियों को बचाने के लिए सीबीआई जांच से भाग रही है
रांची : जेएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच को लेकर मंत्री मिथिलेश ठाकुर के बयान को अखिल झारखंड छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने छात्र विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि मंत्री जी के बयान से छात्रों के प्रति सरकार की असंवेदशीलता झलकती है। राज्य के लाखों छात्रों और आजसू ने पेपर लीक की सीबीआई जांच कराने के लिए आंदोलन किया है। सरकार ने उन लाखों छात्रों की मांग को एक झटके में गलत साबित कर दिया है। इस मामले में विधानसभा के अवर सचिव जैसे बड़े पद पर बैठे लोगों की संलिप्तता सामने आई है। इस मामले के तार राज्य के कई बड़े सफेदपोश लोगों के साथ साथ अन्य राज्यों से भी जुड़े हैं। सरकार इन्ही सफेदपोश लोगों को बचाने के लिए सीबीआई जांच से कतरा रही है।इतने गंभीर आरोपों से घिरे होने के बाबजूद जेएसएससी अध्यक्ष का इस्तीफा भी निजी वजहों से आया है। इसमें छात्र भावनाओं का सम्मान कहीं नजर नहीं आता है। इस इस्तीफे से सरकार छात्रों को केवल दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। छात्रों की मांग न मानने वाली सरकार नहीं झुकने की बात करती है, तो सरकार भी यह समझ लें कि जब तक इस मामले की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं होती है तब तक राज्य के लाखों छात्र नहीं झुकेंगे। आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने जब इस मामले की जांच की मांग की थी तब सरकार ने आनन फानन में एसआईटी का गठन किया, सरकार बिना दबाव के इस एसआईटी का भी गठन नहीं करती। यह लोग उस वक़्त सिर्फ अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थे। आजसू फिर एक बार यह कहती है कि मौजूदा एसआईटी इस मामले की जांच को लेकर सक्षम नहीं है। सीबीआई ही पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर सकती है। सरकार अविलंब हम युवाओं की इस मांग को सम्मान देकर सीबीआई से जांच कराएं।