sunil Verma
रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के पूर्व प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष डॉ. लाल मनीष नाथ शाहदेव ने राज्य सरकार का बजट निराशा जनक बताया। बजट पर प्रतिक्रिया स्वरूप उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के लिए बजट में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने, शिक्षा मानकों को बनाए रखने, विज्ञान, तकनीक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने, शिक्षकों की तकनीकी और पेशेवर विकास के लिए संसाधन सुनिश्चित करने और छात्रों को विभिन्न विषयों में उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए कोई प्रावधान नही दिख रहा है। इसके उलट शिक्षा का बजट घटाना सरकार के विकास विरोधी चेहरे को उजागर कर रहा है। युवतियों की तरफ से परिवहन सुविधाओं के लिए बजट से उम्मीदें थी कि सुरक्षित, सुविधाजनक और वाणिज्यिक दृष्टि से विपणि किए जाने वाले परिवहन साधनों को प्रोत्साहित किया जा सके। पर उन्हें भी निराशा हाथ लगी। सरकार ने व्यापारियों की पीड़ा नहीं सुनी। राज्य सरकार के बजट में व्यापारियों को स्टॉक का बीमा पर कोई घोषणा नहीं की गई। बिजली की व्यवसायिक दर दोगुनी हुई हैं। इन्हें कम नहीं किया गया। 60 साल से ऊपर व्यापारियों को पेंशन दिए जाने की घोषणा नहीं की गई। राज्य सरकार का बजट किसान के लिए भी निराशाजनक रहा है। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दिए जाने के वादे को लेकर भी सरकार खरी नहीं उतरी। इस बजट में किसानों के लिए ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उसको लाभ मिल सके। किसान निराश है और परेशान हैं। लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। राज्य सरकार का बजट में किसानो, मजदूरों, व्यापारियों को ध्यान नही रखा गया है।