नीतीश वर्णवाल
रांची : झारखंड में होनेवाले राज्यसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर सुबे में राजनीति महौल तब गरमा गया, जब इस रेस में सबसे आगे चल रही रांची की पूर्व मेयर रही आशा लकड़ा अंतिम समय में रेस से पिछड़ गयी। उनके स्थान पर कारोबारी हरिहर महापात्रा के नाम अब सबसे आगे। हालांकि औपचारिक घोषणा बाकी है। आपको तो यह पता है कि भाजपा हमेशा लोगों को सरप्राईज किया है, तो इस बार भी ऐसा ही हुआ। इससे पहले भी बीजेपी झारखंड से बाहरी नेताओं को राज्यसभा भेज चुकी है और इसबार भी ऐसा ही हुआ। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों को लग रहा था कि लोकसभा चुनाव सामने है तो पार्टी चाहेगी कि यहां से आदिवासी को ही राज्यसभा भेजेगी। ऐसे में आशा लकड़ा का नाम रेस में सबसे आगे था। चुंकि आदिवासी होने के साथ-साथ एक महिला भी है। वो पार्टी में अच्छा पकड़ रखती हैं। देश के किसी राज्य में चुनाव होता है तो पार्टी उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देती है, जिसे वो बखूबी निभाती आई हैं। वो रांची की पूर्व मेयर भी रह चुंकी हैं। वर्तमान में आशा लकड़ा पार्टी की राष्ट्रीय सचिव हैं। इसलिए पूर्व मेयर का नाम सबसे आगे चल रहा था। बीजेपी के मौजूदा राज्यसभा सांसद समीर उरांव को इस बार लोहरदगा से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है।
महागठबंधन की ओर से औपचारिक घोषणा बाकी
वहीं अब तक राज्यसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो गांडेय विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता डॉ सरफराज अहमद के नाम पर महागठबंधन के दलों के बीच सहमति बन गयी है। उनके नाम की सिर्फ विधिवत घोषणा भर बाकी है। 11 मार्च को डॉ सरफराज अहमद राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन करेंगे। बता दें कि गांडेय से झामुमो के पूर्व विधायक सरफराज अहमद ने करीब दो महीने पहले इस्तीफा दे दिया था। तभी से अटकलें लगायी जा रही है कि इस बार के चुनाव में झामुमो सरफराज अहमद को राज्यसभा भेज सकता है। क्योंकि कांग्रेस दोबारा धीरज प्रसाद साहू को राज्यसभा भेजने के मूड नहीं है। इसका कारण ये है कि अभी हाल ही में उनके ठिकानों पर आईटी की छापेमारी हुई थी, जिसमें करीब 350 करोड़ रुपए बरामद हुए थे। इससे पार्टी की काफी फजीहत हुई थी। इसी वजह से कांग्रेस धीरज प्रसाद साहू को दोबारा राज्यसभा भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ये बात और है कि धीरज साहू ने 150 करोड़ टैक्स जमा कर दिये और मीडिया को भी बताया था कि ये पैसे कांग्रेस के नहीं मेरे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है।
बता दें कि झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों पर 21 मार्च को चुनाव होगा। दो सीटों के लिए 11 मार्च तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 12 मार्च को होगी और 14 मार्च तक नाम वापस लिए जाएंगे।
आखिर कौन है महापात्रा
राज्यसभा के लिए जिस हरिहर महापात्रा भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है आखिर वो कौन है। आपको बता दें कि हरिहर महापात्रा मुंबई बेस्ड बिजनेसमैन है। जानकरी के मुताबिक हरिहर महापात्रा (Harihara Mahapatra) ने आर्थिक मुश्किलों से जूझ रही एयरलाइंस स्पाइसजेट (SpiceJet) को पिछले साल 1,100 करोड़ रुपये का निवेश करके नया जीवनदान दिया था। इस निवेश के बाद वह कंपनी में 19 फीसदी के हिस्सेदार बन गये और कंपनी के प्रमोटर अजय सिंह की हिस्सेदारी 56।49 फीसदी से कम होकर 38।55 फीसदी रह गयी है। हरिहर महापात्रा के स्पाइसजेट में निवेश के फैसले के बाद से वह लगातार सुर्खियों में रहे थे। वहीं अगर उनके पत्नी की बात करें तो हरिहर की प्रीति महापात्र ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में कपिल सिब्बल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनौती दी थी लेकिन वह हार गईं थीं।