EKsandeshlive Desk
हजारीबाग: आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के तरबा-खरबा स्थित मुख्य कैंपस सभागार में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी महिला कर्मियों को सम्मानित किया गया। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा के हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस मौके पर आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने महिलाओं के संघर्षों और जुनून को पहचानने और उनका समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि हमें महिला और पुरुषों में विभेद नहीं करना चाहिए क्योंकि हम सब इंसान हैं और हमें इंसान बनने की ज़रूरत है। महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए डॉ गोविंद ने कहा कि पुरुष शिक्षित होता है तो सिर्फ एक पीढ़ी को शिक्षित कर सकता है लेकिन एक महिला शिक्षित होती है तो वह कई पीढ़ियों को शिक्षित कर देती है। उन्होंने कहा कि समय बदला है, अब नारियां हर क्षेत्र में अपने प्रतिभा का लोहा मनवा रहीं हैं। ऐसे में हम सभी को उन्हें अवसर देने की आवश्यकता है। नारियों के उत्थान से ना केवल आधी आबादी बल्कि देश का भी उत्थान और विकास संभव है। राष्ट्रीय विकास की आधारशिला के रूप में महिलाओं के सशक्तिकरण को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।
बता दें कि इस मौके पर सह प्राध्यापिका पूजा सिंह, कुमारी सीमा, सह प्राध्यापक विजय लाल और रितेश कुमार की मधुर आवाज़ ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं कुमारी काजल सोनी और शिवजी की कविता ने समां बांध दिया।
इस कार्यक्रम के दौरान स्पून कंचा, दमसरास, म्यूजिकल बॉल पासिंग, डंडा पासिंग सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। कार्यक्रम के आखिर में विश्वविद्यालय की ओर से सभी महिला कर्मियों को विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद के हाथों उपहार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिव कुमार, मो शमीम अहमद, रविकांत कुमार, अमित कुमार, आदित्य कुमार, राजेश कुमार सहित अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
धन्यवाद ज्ञापन रविकांत कुमार ने किया।