डॉ. निखिल कांत ने किया जलवायु संकट जागरूकता का संगीतमय आह्वान

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sunil Verma
रांची : डॉ. निखिल कांत के अगुआई में जलवायु संकट जागरूकता अभियान विश्व निशाने पर है। अपनी कविताओं के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तिगत प्रयासोंको साझा करने के माध्यम से जलवायु संकट को कम करने की दिशा में प्रेरक कार्रवाई के लिए समर्पित अभियान है। इस पहल के हिस्से के रूप में विश्व निशाने पर है गीत जलवायु संकट जागरूकता के लिए एक मधुर आह्वान के रूप में उभरा है, जो जलवायु संकट के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है। विश्व निशाने पर है गीत और वीडियो का अनावरण 20 अप्रैल, 2024 को पृथ्वी दिवस के पूर्व मुंबई में किया गया, जिसका उद्देश्य लोगों को विश्व निशाने परहै अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और हमारे ग्रह को हमारे बच्चों के लिए टिकाऊ और उपयुक्त बनाए रखने के प्रयासों में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है। जैसा कि पृथ्वी बचाओ का अर्थ है खुद को बचाओ विश्व निशाने पर हैं का अर्थ है।हम निशाने पर हैं ऐसा डॉ. निखिल कांत ने विमोचन के अवसर पर कहा, जो साहित्य जगत में जलवायु संकट पर लिखनेवाले हिंदी के एकमात्र समकालीन कवि के रूप में जाने जाते हैं। डॉ. निखिल कांत ने अपनी हिंदी काव्य श्रृंखला विश्व निशाने पर है के इस सारगर्भित गीत को अपने द्वारा दिए गए धुन से प्रभावित किया है, जो श्रोताओंको जलवायु परिवर्तन की जटिलताओं को स्पष्ट तरीके से समझने एवंसुलझाने की यात्रा पर ले जाता है। सुप्रसिद्ध गायिका संघमित्रा सहाय ‘शालू’ ने इस गीत को अपनी मनमोहक आवाज दी है, साथ ही वीडियो में बच्चों के साथ भावपूर्णप्रदर्शन भी किया है, जो अपने लिए एक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सभी को प्रेरित करने के लिए उत्सुक हैं।