दलित की जमीन पर जबरन कब्जा करने वाले के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं

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eksandesh Desk

रांची: राजधानी रांची से सटे पुन्दाग स्थित अवधेश नगर, कटहल मोड अरगोड़ा रोड में एक दलित डॉक्टर विजय शंकर दास, उम्र 68 वर्ष जो शालीमार बाग अपार्टमेंट में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में एक जमीन जिसका थाना नं0-228, खाता नं०-32, प्लॉट नं०-350, कुल रकबा 65 डिसमिल है। इसकी खरीद उन्होंने वर्ष 2017 में की थी जिसका डीड सं0-620/12.05.2017 है। निबंधन के बाद नियमत: भूखण्ड की दाखिल खारिज भी हो चुकी है। डॉ दास ने उस भूखण्ड पर वर्ष 2017 में ही चहारदीवारी की थी। और डीप बोरिंग भी करवाया था। इसके अलावा दो कमरे का निर्माण भी कराया था। दिनांक 07 जनवरी 2024 को शहर के एक नामी जमीन दलाल ने उनके गेट का ताला तोड़कर जबरन जमीन पर कब्जा कर लिया और गेट को उखाडकर फेंका। इसके अलावा अन्दर की चहारदीवारी को तोड़ दिया तथा एक नया गेट पीछे के तरफ लगा दिया।

इसकी जानकारी जैसे ही डॉ० दास को मिली वे अपने भूखंड पर गये। वहां पर उन्होने देखा कि जबरन उनकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। मामले की जानकारी उन्होंने पुन्दाग ओ०पी० के थाना प्रभारी को भी दी है। हलांकि पुन्दाग पुलिस द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया और पाया कि डॉ० दास के जमीन पर जबरन कब्जा किया हुआ है। किन्तु पुलिस के समकक्ष आवेदन देने के बाद भी अब तक आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई। हारकर उन्होंने रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक को दिनांक 29फरवरी 2024 एक आवेदन दिया। इसके बावजूद भी ब्रोकर के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तत्पश्चात उन्होंने नेशनल फॉरम में शिकायत दर्ज की। फिर नेशनल फॉरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक को दिनांक 19अप्रैल 2024 को पत्र लिखकर ब्रोकर के विरुद्ध कारवाई तथा कब्जा मुक्त कराने की मांग की। किन्तु अभी तक उस ब्रोकर के विरूद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण डॉ० दास का पूरा परिवार दहशत में है। कि जमीन के साथ-साथ कहीं उनके जान माल की हानि न हो जाए। नेशनल फौरन ने पुलिस की लापरवाही को देखते हुए अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार तथा गृह सचिव, झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर त्वरित कारवाई की मांग की है।