सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, 65 लाख के इनामी पांच नक्सली मुठभेड़ में ढेर

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Ranchi: झारखंड पुलिस को माओवादियों के विरुद्ध लड़ाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है. सोमवार को हुई इस मुठभेड़ में 25 लाख रुपए के दो ईनामी नक्सली मारे गए हैं. इसमें गौतम पासवान और चार्लीस उर्फ अजीत उरांव सहित कुल पांच माओवादियों को पुलिस ने मार गिराया है. दोनों ही स्पेशल एरिया कमेटी (SAC) के सदस्य थे. यह मुठभेड़ झारखंड के चतरा और पलामू जिला के लावलौंग थाना क्षेत्र में हुई है.

शव को किया गया बरामद

इस अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा, बटालियन, जैप, आईआरबी के साथ-साथ पलामू और चतरा के जिला बल को लगाया गया था. मौके से भारी मात्रा में नक्सल सामग्री व हथियार भी बरामद होने की खबर है. मुठभेड़ के दौरान 25 लाख के इनामी गौतम पासवान समेत 5 नक्सलियों को मार गिराया गया है. सभी के शव को भी बरामद कर लिया गया है.

सर्च अभियान अभी भी जारी

एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर ने मीडिया को बताया है कि गौतम पासवान और अजीत उरांव पर 25-25 लाख रुपए के इनाम थे. बाकि तीन सब जोनल कमांडर अमर गंझू, नंदू और सुजीत भुइयां पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम थे. उन्होंने यह भी जानकारी साझा कि है, की इस दौरान दो एके-47, एक इंसास, दो रेग्यूलर राइफल मिले हैं. सर्च अभियान अभी भी जारी है.

नई-नई तकनीक करता था विकसित

सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में मारा गया माओवादियों का टॉप कमांडर अजित उर्फ चार्लीस और गौतम पासवान संगठन के टेक्निकल एक्सपर्ट्स थे.ये दोनों माओवादियों के लिए नई नई तकनीक को विकसित किया करते थे. अजित उर्फ चार्लीस माओवादियों के लिए इम्प्रोवाइज मिसाइल विकसित कर रहा था.

साल 2015-16 में हुए हमले में था इनका हाथ

मारा गया नक्सली अजित लातेहार जिले के बालूमाथ का रहने वाला था. जानकारी के अनुसार अजीत 8 साल की उम्र से ही माओवादी संगठन से जुड़ गया था. इसके बाद अजीत कभी पीछे मूड कर नहीं देखा. धीरे-धीरे अजित संगठन में इपनी पकड़ मजबूत करता गया और कई नामों से जाना जाने लगा. अजीत को लोग तीफान जी, चार्लीस और चार्लीस उरांव जैसे नाम से भी जानते थे.

वहीं, एनकाउंटर में मारा गया गौतम और अजीत ने मिलकर झारखंड और बिहार सीमा पर लैंडमाइंस की कई तकनीक को विकसित किया था और इसे सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता था. मीडिया रिपोर्टस से मिली जानकारी के अनुसार साल 2015-16 में औरंगाबाद-गया सीमा 10 कोबरा के जवान शहीद हुए थे. उस हमले में जो लैंड माइंस इस्तेमाल किया गया था उसे गौतम और अजीत ने ही लगाया था. बता दें कि चार्लीस और गौतम छत्तीसगढ़ तेलंगाना सीमा पर माओवादियों के लिए तकनीकी जानकारी का प्रशिक्षण लिया था.