बिरसा कृषि विश्वविद्यालय चिकित्सालय में नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन

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sunil Verma
रांची: बीएयू के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूएस वर्मा ने बताया कि कुलपति डॉ एससी दुबे के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय अस्पताल में दो दिवसीय नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का सफल आयोजन किया गया । शिविर में सेंटर फॉर साइट महिंद्रा कॉरपोरेशन ग्रुप के माध्यम से नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आंख के रोगों से ग्रसित 72 रोगियों की जांच किया तथा उचित परामर्श दिया । चिकित्सकों के साथ विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उमाशंकर वर्मा ने रोगियों के अन्य रोगों की परेशानियां तथा बीपी, शुगर, हीमोग्लोबिन,चेस्ट, एब्डोमेन, जोड़ों का दर्द,चर्म रोग, थायराइड, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, ब्रेन हेमरेज इत्यादि रोगों से ग्रसित रोगियों का जांच किया । जांच के बाद रोगियों को नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई गयी। इस निशुल्क शिविर में कुलपति डॉ एससी दुबे जी ने छात्रों, कर्मचारियों और पदाधिकारियों को से समय – समय पर आंखों का नियमित जांच कराते रहने की सलाह दी । इससे गंभीर नेत्र रोगों से बचाव की जा सकती है । नेत्र रोग गंभीर रूप से ग्रसित होने से इलाज में कठिनाइयां होती है और आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जाने की संभावना बन जाती है । आंख एक अति महत्वपूर्ण अंग है और आंख की रोशनी चली गई तो जीवन ही अंधकार मय हो जाता है इसलिए आंख की रोशनी को बचाने के लिए समय-समय पर जांच कराते रहें ,यह अच्छी बात है कि हमारे विश्वविद्यालय में नि:शुल्क नेत्र जांच की व्यवस्था की गई है ।मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यूएस वर्मा ने सलाह दिए कि नेत्र रोग की छोटी से छोटी परेशानियों को भी नजर अंदाज न करें,अन्यथा भविष्य में गंभीर नेत्र रोग की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है तथा आंख की रोशनी भी जा सकती है। नेत्र रोग का इलाज और जांच कराने में विश्वविद्यालय के नियंत्रक अफताब मोहसिन, सहायक नियंत्रक नंदकिशोर, मुमताज आलम, असुनता प्यारी एक्का, एलिसा एक्का, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के 14 छात्र, एग्रीकल्चर कॉलेज के 10 छात्र ,कॉलेज आॅफ फॉरेस्ट्री के 11 छात्र तथा 30 आकस्मिक कर्मचारियों ने नेत्र जांच कराया । नेत्र जांच टीम में डॉ कविता शर्मा, संजीव कुमार, राजीव कुमार, वीर चंद्र पटेल, संजय तथा अन्य स्पेशलिस्ट चिकित्सक शामिल थे।
जांच के दौरान कैटरेक्ट या मोतियाबिंद के चार मरीज, आंख की रोशनी से संबंधित 16 मरीज और अन्य बीमारियों से ग्रसित 20 मरीज पाए गए ।मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि नेत्र रोग से बचाव में ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि नियंत्रण में रखने की आवश्यकता होती है । जिन लोगों को नेत्र जांच के समय ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन इत्यादि में गड़बड़ियां पाई गई, उन्हें उचित दवा दी गई । दूसरे दिन पुन: मरीजों का बीपी और शुगर की जांच करके देखी गई । उनमें सुधार पाया गया और यथोचित उचित परामर्श दिया गया ।