सुबह से ही सड़को पर उतरे बंद समर्थक, बंद रही दुकानें
कम चले वाहन , निजी स्कूल बंद रहे
by sunil
रांची : अनुसूचित जाति,जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर बनाने के विरोध में बुधवार को भारत बंद के अहवान को लेकर राजधानी रांची के विभिन्न चौके चौराहों में सुबह से ही बंद समर्थक सड़क पर उतरे। राजधानी से सटे इलाके करमटोली स्थित आदिवासी हॉस्टल के पास समर्थको ने सड़क के बीच टायर जलाकर व सड़को के बीचोबीच अवागमन को ठप किया । ऐसी स्थिति राजधानी के विभिन्न इलाकों में देखने को मिला । इसी क्रम में हरमू रोड, रातू के दलादली चौक, कांके रोड, कांके चौक, रातू रोड़ डोरंडा पुराने हाईकोर्ट के पास बंद भीम आर्मी सहित अन्य संगठनों के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर सड़क जाम कर दिया । बंद समर्थको ने दोपहर 3 बजे तक सर्जना चौक , सैनिक मार्केट ,सहित राजधानी के विभिन्न इलाकों के दुकानो में पहुंच कर दुकाने बंद करायी। घटनास्थल पर पुलिस मौजूद है और लोगों को समझा बुझाती रही लेकिन बंद कर रहे समर्थक प्रशासन की एक भी नही सुनी । ज्ञात हो कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आज भारत बंद बुलाया था । इधर विभिन्न आदिवासी मूलवासी संगठन ने मेन रोड स्थित अल्बर्ट एक्का चौक के सामने आदिवासी मूलवासी संगठन धरना-प्रदर्शन किया। एससी एसटी के समन्वय समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र रजक समेत अन्य प्रदर्शकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने एससी-एसटी के लोगों को बांटने का काम किया है। देश के 85 प्रतिशत आबादी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है। एसटी-एससी आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर की संघर्ष का देन है। उनके संघर्ष के कारण ही आज आदिवासी मूलवासी लोग पढ़-लिख रहे हैं और अपना भविष्य तराश रहे हैं। लेकिन मनुवादी विचार के लोग आरक्षण को समाप्त करने की साजिश कर रहे हैं। आरक्षण खत्म कर एक तबका के लोग शासन करना चाहते हैं। एससी एसटी को फिर से गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सैकड़ों वर्षो से एससी एसटी पीड़ित रहे है । ाारखंड मुक्ति मोर्चा एवं ाारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने इस भारत बंद को समर्थन दिया। अनिवार्य सेवाएं छोड़कर बाकी सब बंद से प्रभावित रहे । निजी स्कूल बंद रहे , सरकारी स्कूलों में छात्र – छाताओं की संख्या कम रही । सरकारी व अर्धसरकारी संस्थानों में बंद का असर देखने को मिला।