अजय राज
प्रतापपुर/चतरा: बभने पंचायत के मुखिया पर अबूआ आवास योजना में पैसे मांगे जाने का बड़ा आरोप लगाया गया है। यह आरोप लाभुक कमला देवी पति रमेश साव के द्वारा लगाया गया है। बभने पंचायत के तेली टोला में रहने वाली लाभुक कमला देवी का कहना है मुखिया संगीता देवी के द्वारा मेरे नाम से आए अबूआ आवास के बदले 20 हजार रुपए की मांग की गई है। इसको लेकर लाभुक के द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक आवेदन देकर पूरे मामले की जांच कर कार्यवाई करने की मांग की गई है। आवेदन में कहा गया है की मैं अत्यंत पिछड़ी जाति से आती हूं। मैं सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अबूआ आवास के लिए आवेदन दी थी। मेरा आवास तमाम जांच पड़ताल के बाद स्वीकृत भी हो गया तथा सूची में ओबीसी कैटेगरी में 56 नंबर पर मेरा नाम था। कुछ दिन पूर्व मेरा अबूआ आवास निर्गत हुए प्लॉट का जियो टैग भीं कर दिया गया। परंतु मेरे आवास का पैसा नही छोड़ा गया। जबकि उसके बाद का अन्य लोगों का आवास का पैसा डाल दिया गया। इस बीच मुझे मुखिया संगीता देवी के द्वारा घर पर बुलाकर अबूआ आवास की राशि निर्गत करने के बदले 20 हजार रुपए की मांग की गई। जब मैं इतनी बड़ी राशि देने में अर्मसमर्थता व्यक्त की तो मुझे मुखिया पुत्र के द्वारा बोला गया की बिना राशि दिए काम नही होगा यहां कोई धर्मशाला नही खुला हुआ है। नीचे से लेकर ऊपर वाले तक को देना पड़ता है तब जाके आवास सैंशन होता है तुम्हारा आवास डीसी साहेब काटे हैं। जहां जाना है जाओ।
मुखिया संगीता देवी पर लगाए गए इस सनसनीखेज आरोप के बारे में जब उनसे बात करना चाहा तो उनसे बात नही हो पाई। वहीं मुखिया पुत्र अविनाश कुमार ने यह जरूर कहा की ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं। दरअसल लाभुक के पिता के नाम पर पूर्व में पीएम आवास मिल चुका है इस कारण उनका रिमांड किया गया है। वहीं पंचायत सचिव से जब यह पूछा गया की पहले लाभुक का नाम ग्राम सभा कर डाला गया फिर सर्वे कर सूची तैयार की गई और स्वीकृति के लिए उपर भेजा गया। कैटेगरी वाइज वरीयता सूची में उसका 56 नंबर पर नाम आया फिर उसका जियो टैग किया गया। अगर पूर्व में हीं लाभुक के पति को पीएम आवास का लाभ मिल चुका था तो फिर उनका नाम वरीयता सूची में कैसे आ गया और तो और उसका जियो टैग भी कर दिया गया और अब लाभुक के द्वारा पैसे नही देने के कारण नाम डिलीट करने का आरोप लगाया जा रहा है इस पर पंचायत सचिव अक्षय वट चौबे का कहना है की आरोप झूठे हैं नियम के तहत रिमांड किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर बीडीओ अभिषेक पांडेय से बात करने की कोशिश की गई परंतु बात नही हो पाई।
बताते चलें की प्रखंड में अबूआ आवास योजना में पैसों का खेल होने के आरोप यदा कदा लाभुक के द्वारा लगाए जाते रहे हैं। हाल ही में एघारा पंचायत के सैकड़ों लोगों ने एघारा मुखिया पर अबूआ आवास में भारी पैमाने पर लेन देन का आरोप लगाते हुए पंचायत सचिवालय परिसर में खूब हंगामा किया था लोगों ने मुखिया मालती देवी तथा उनके पति सुरेंद्र भारती पर आरोप लगाया था की इनके द्वारा कुल 254 लोगों का अबूआ आवास इस लिए रिमांड कर दिया गया क्योंकि इनलोगों ने पैसे देने से इंकार कर दिया। वहीं लोगों का कहना था की कई ऐसे लोगों को अबूआ आवास की राशि निर्गत कर दी गई है जो सुखी संपन्न तो हैं हीं पहले भी पीएम आवास का लाभ ले चुके हैं।