Eksandeshlive Desk
मुंबई : पहले ‘दिव्येंदु शर्मा’ के साथ ‘जी 5’ पर ‘बिच्छू का खेल’, फिर ‘डिज्नी प्लस हॉटस्टार’ पर गुरमीत चौधरी के साथ ‘कमांडर करण सक्सेना’ और अब ‘रीटा सान्याल’! इन तीनों वेब सीरीज़ में एक बात कॉमन है। यह तीनों सीरीज न सिर्फ किताबों पर आधारित है, बल्कि इन्हें दर्शकों ने बेहद पसंद भी किया है। इन तीनों ही किताबों के रचियता ‘अमित खान’ हैं। अमित खान आज किताबों की दुनिया में किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं, क्योंकि उनके 100 से ज़्यादा उपन्यास अभी तक छप चुके हैं। उनकी किताबों को ‘पेंगुइन’ से लेकर ‘वेस्टलैंड बुक्स’, ‘डायमंड बुक्स’, ‘हिन्द पॉकेट बुक्स’, ‘राज पॉकेट बुक्स’ प्रकाशित किया है। देश की बड़ी-बड़ी पत्रिकाओं में हिंदी-अंग्रेजी भाषाओं में उनकी कहानियां छपी हैं। फिलहाल वो पिछले कई सालों से मुंबई में हैं और वेब सीरीज की दुनिया में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। आइये, उन्हीं ‘अमित खान’ से बात करते हैं।
‘रीटा सान्याल’ के तौर पर यह आपकी लगातार तीसरी वेब सीरीज हिट रही है, कैसा लग रहा है?
सफलता हमेशा अच्छी लगती है, खासतौर पर फिल्म इंडस्ट्री में सक्सेस बहुत मैटर करती है। यही वो जगह है, जहां सरस्वती के साथ-साथ लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बहुत मायने रखता है। मुझे इस बारे में अनीस भाई (डायरेक्टर अनीस बज़्मी) की एक बात याद आ रही है। एक बार उन्होंने कहा था, ‘अमित, इस इंडस्ट्री में आपको अपनी सही बात मनवाने में भी बड़ा वक़्त लगता है। जब तक आप हिट पर हिट नहीं देते, तब तक लोगों को आपके ऊपर भरोसा नहीं आता। जब आप हिट देने लगते हैं, तब लोगों को लगता है कि आप सही हैं। यानि कसौटी आपकी बात नहीं, आपकी सफलता है। सक्सेस है।
अभी तो आपकी यह तीसरी वेब-सीरीज है, क्या इस हैट्रिक के बाद लोगों का नजरिया बदला है?
मुझे लगता है, मेरे से भी ज़्यादा फिल्म इंडस्ट्री को अच्छी कहानियों पर विश्वास आना चाहिये। किताबों पर विश्वास आना चाहिये। ‘बिच्छू का खेल’ और ‘कमांडर करण सक्सेना’ के बाद ‘रीटा सान्याल’ मेरी किताबों पर आधारित यह तीसरी वेब सीरीज है, जो हिट है। अगर इंडस्ट्री को शोज की सफलता से विश्वास आता है, तब भी यह अच्छी ही बात है।
पहली वेब-सीरीज ‘बिच्छू का खेल’ की शुरुआत कैसे हुई? ‘एकता कपूर’ से संपर्क कैसे हुआ?
इसका सारा श्रेय मैं एक ही व्यक्ति को देना चाहूंगा, बलजीत चड्ढा जी को। वह स्टार प्लस में कंटेंट हेड थे, और वहीं मेरी उनकी मुलाक़ात हुई। बाद में उन्होंने ‘बालाजी’ ज्वाइन किया। उन्हें मुझ पर और मेरी कहानियों पर बड़ा भरोसा था। उन्होंने ही मेरी मुलाकात ‘एकता कपूर’ से कराई। यह भी आश्चर्यजनक ही है कि मैंने ‘एकता जी’ को पहली कहानी ‘बिच्छू का खेल’ सुनाई और उन्होंने तुरंत ही उस कहानी पर वेब-सीरीज बनाने का फैसला कर लिया। मैंने डिसीजन लेने में इतना फ़ास्ट आज तक किसी को नहीं देखा।
क्या ‘एकता कपूर’ के साथ आगे कुछ कर रहे हैं?
बिल्कुल। उन्होंने मेरे कुछ और उपन्यासों के भी राइट्स लिए हैं, जिन पर जल्दी काम शुरू होगा।
अभी तक उपन्यासों पर सीरीज बनती थीं, अब आपके उपन्यास के कैरेक्टर्स पर भी सीरीज बन रही हैं, इसे आप किस तरह से देखते हैं?
यह एक बड़ा संकेत हैं। पहले उपन्यासों के कैरक्टर्स पर सिर्फ हॉलीवुड में फिल्म्स या सीरीज बनती थीं। जैसे मशहूर नॉवलिस्ट ‘इयान फ्लेमिंग’ की ‘जेम्स बॉन्ड सीरीज’ या ‘सर आर्थर कॉनन डायल’ की ‘शरलॉक होम्स सीरीज’। यह अच्छी बात है, ‘कमांडर करण सक्सेना’ और ‘रीटा सान्याल सीरीज’ से हिंदी इंडस्ट्री में एक नई शुरुआत हुई है और दर्शकों को भी यह शुरुआत खूब-खूब पसंद आई है।
आगे कौन-कौन सी सीरीज या किताबें आ रही हैं?
सबसे पहले तो मेरा नया उपन्यास ‘आर्टिस्ट’ आ रहा है। वह एक मर्डर मिस्ट्री है। सुपरनैचुरल थ्रिलर है। इस उपन्यास में ‘आर्टिस्ट’ एक किलर को कहा गया है। वह किलर, जो कहता है कि मर्डर करना भी एक ‘आर्ट’ है। इसलिए उसे खुद को आर्टिस्ट कहलाना पसंद है। उपन्यास हिन्दी और इंग्लिश, दोनों भाषाओं में एक साथ आयेगा। फिलहाल उपन्यास प्रेस में है और जल्द ही पाठकों तक पहुंचेगा। इसके अलावा एक वेब-सीरीज और एक फ़िल्म की घोषणा भी जल्द होगी।