मौसम विभाग का कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान : राज्यपाल

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Eksandeshlive Desk

रांची : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें वर्षगांठ के मौके पर रांची स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम में सोमवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि मौसम विभाग ने सटीक भविष्यवाणियों और तकनीकी क्षमताओं से न केवल आपदाओं के प्रभाव को कम किया है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल के साथ स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा, महानिदेशक आईएमडी मृत्युंजय महापात्र, वरिष्ठ वैज्ञानिक बाबूलाल, मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर राज्यपाल और विशिष्ट अतिथियों ने झारखंड मौसम दर्पण और मॉनसून रिपोर्ट झारखंड-2024 का लोकार्पण किया। साथ ही आईएमडी का थीम सॉन्ग को लॉच किया गया।

राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मियों को उनकी निरंतर समर्पण और सेवाओं के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग और मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के प्रयासों ने राज्य में होने वाली गंभीर प्राकृतिक आपदाओं जैसे- वज्रपात, बाढ़, भारी वर्षा और शीतलहर के प्रभावों को कम करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान केंद्र के प्रति जनमानस का विश्वास बढ़ा है। क्योंकि, इसने पंचायत स्तर तक सटीक मौसम पूर्वानुमान और जानकारी उपलब्ध कराकर आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ किया है।

राज्यपाल ने झारखंड की कृषि अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि मौसम की सटीक जानकारी कृषि क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान से किसानों को फसल चयन, सिंचाई प्रबंधन और कीट नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता मिलती है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड को ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है, जो राज्य की कृषि उत्कृष्टता को दर्शाता है और इसका श्रेय राज्य के किसानों के निरंतर प्रयासों को जाता है।

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश में हुए उल्लेखनीय प्रगति के बारे में भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों से तकनीकी क्षमताओं को सशक्त किया गया है, जिसका सीधा लाभ मौसम विज्ञान और आपदा प्रबंधन क्षेत्रों को हो रहा है। साथ ही कहा कि इन प्रयासों के माध्यम से समय पर मौसम की जानकारी प्राप्त कर समाज को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाया जा सकता है।

कार्यक्रम के अगले चरण में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। कोलकाता मौसम केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सोमनाथ दत्त और रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने झारखंड में मौसम सेवाओं और भविष्यवाणी पर जानकारी साझा की। कार्यक्रम के दौरान झारखंड के लिए मौसम और जलवायु सेवाओं पर चर्चा की गयी। इस दौरान मौसम केंद्र की सेवाओं पर स्टेकहोल्डर्स ने फीडबैक दिया। कार्यक्रम में कृषि सिंचाई, विमानन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ ने अपनी राय रखी। इस दौरान आईएमडी के रिटायर्ड कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।