सिरसिता नाले जा रहे आदिवासी जत्था की पदयात्रा को विधायक ने किया रवाना

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Mustafa Ansari

रांची : राजधानी रांची से करीब 200 किलो मीटर दूर गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित सिर सिता नाले,जहां आदिवासी समाज का एक बहूत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। बताया जाता है कि यह स्थान 1000 फीट ऊंचे पहाड़ों और घने जंगलों के बीच में स्थित है। जो आदिवासी समुदाय के लिए गहरी आस्था का प्रतीक माना है। ज्ञात हो कि ओरमांझी के सदमा गांव निवासी अंजन मुंडा ने 12 वर्ष की आयु में संकल्प लिया था की वह 25 वर्ष की उम्र से 57 सप्ताह तक उपवास रखकर सिर सिता नाले में जल चढ़ाने पैदल यात्रा कर जाएंगे। इसी संकल्प को पुरा करने व समाज की अनूठी परंपरा को पूर्ण करने के उद्देश्य से इस वर्ष ओरमांझी क्षेत्र से सैकड़ों सरना धर्मावलंबी इस ऐतिहासिक यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल होकर निकल गए हैं। यात्रा का शुभारंभ 27 जनवरी को सदमा स्थित सरना स्थल से हुई है। जिन्हें 22 पड़हा सरना प्रार्थना सभा के बैनर तले मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित विधायक दल के उप नेता सह खिजरी विधायक राजेश कच्छप शामिल हुए,तथा उनकी सुखद यात्रा की मंगल कामना करते हुए उनको सरना झंडा व शॉल ओढ़ाकर रवाना किया गया।

बताया कि इस धार्मिक पद यात्रा के दौरान उक्त जत्था विभिन्न स्थानों से एकत्रित होकर संयुक्त रूप से मिलकर सिर सिता नाले की ओर प्रस्थान करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आदिवासी समाज की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर का प्रमुख केंद्र है। यहां प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के पहले गुरुवार को सामूहिक पूजा-अर्चना व भव्य मेले का आयोजन किया जाता है,जिसमें झारखंड,बिहार, बंगाल,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,असम,ओडिशा आदि विभिन्न राज्यों से हजारों-हजार की संख्या में आदिवासी समाज के श्रद्धालु आते हैं। यह आदिवासी समाज की विश्वास और परंपरा है,जिसे हर साल इस स्थान पर श्रद्धा और सम्मान के साथ आयोजित होती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक दल के उप नेता सह खिजरी विधायक राजेश कच्छप,22 पड़हा अध्यक्ष बाबूलाल महली,रमेश उरांव,प्रेमनाथ मुण्डा,समुन्दर पहान,ललिता पहान राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा अध्यक्ष,पम्मी मुण्डा,मुखिया सीमा तिर्की, गीता कच्छप एवं 22 पड़हा के तमाम पदाधिकारी व सक्रिय सदस्य उपस्थित थे।