आशुतोष झा
काठमांडू: रौतहट में ऐसा देखा गया है कि जिला पुलिस कार्यालय रौतहट के प्रमुख एसपी दिलीप घिमिरे के एक निर्देश से रौतहट निवासियों ने लाखों रुपये बचाये हैं। एसपी घिमिरे ने 1 महीने पहले पुलिस को गरीबों के लिए मुफ्त वर्टिकल नोटिफिकेशन शिकायत लिखने का निर्देश दिया था। 12 जनवरी को एसपी घिमिरे ने जिले के सभी पुलिस कार्यालयों के प्रमुखों को गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मुफ्त आवेदन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। एसपी घिमिरे ने कहा कि रौतहट में जिला पुलिस कार्यालय सहित सभी अधीनस्थ पुलिस इकाई कार्यालयों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए याचिका लिखने के प्रावधान से केवल एक महीने में 426 लोगों को लाभ हुआ है।
आईएलए पुलिस कार्यालय चंद्रिनिगाहपुर में 91, आईएलए पुलिस कार्यालय गरुड़ा में 55, जिला पुलिस कार्यालय में 29, आईएलए पुलिस कार्यालय मौलापुर में 20, पुलिस ने कुल 234 पीड़ितों की निःशुल्क याचिकाएँ लिखीं और 192 याचिकाकर्ताओं ने स्वयं पुलिस द्वारा दिए गए प्रारूप में निःशुल्क याचिकाएँ लिखीं।
एसपी घिमिरे ने जानकारी दी है कि जिला पुलिस कार्यालय कथरिया सहित जिले के लगभग सभी पुलिस स्टेशनों पर कुछ लोगों ने एक छोटी सी दो लाइन की शिकायत लिखने के लिए गरीब पीड़ित से 300 से 700 रुपये तक लिए जाते थे। इस प्रकार, यह देखा गया है कि एसपी घिमिरे के एक निर्देश से 500 रुपये की दर से 1 महीने की रिपोर्ट लिखने के लिए रौतहट निवासियों के 2 लाख 13 हजार रुपये बचाए गए हैं। यदि इस आधार पर हम 1 वर्ष की गणना करते हैं, तो जिले के निवासियों को केवल पुलिस रिपोर्ट लिखाने से 25 लाख रुपये से अधिक की बचत होगी। रौतहट के वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्रा ने 10 जनवरी को सोशल मीडिया पर जीरो टॉलरेंस के एसपी दिलीप घिमिरे का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कहा था कि रौतहटवासियों द्वारा एक छोटी सी शिकायत/रिपोर्ट लिखाने में अनावश्यक रूप से बड़ी रकम खर्च की जा रही है। इसके बाद एसपी घिमिरे ने इसका संज्ञान लिया और पिछले 12 जनवरी से नि:शुल्क आवेदन की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है।
जिला पुलिस कार्यालय रौतहट के सह प्रवक्ता इंस्पेक्टर उमा शंकर प्रसाद के अनुसार एसपी घिमिरे के निर्देशन में वर्टिकल शिकायत आवेदन का प्रारूप तैयार कर 11 जनवरी की रात जिले के सभी पुलिस कार्यालयों में भेजा गया था। पुलिस उसी फॉर्मेट को प्रिंट करके पीड़ित को देगी, अगर उन्होंने लिखा-पढ़ी की है तो खुद ही भरकर जमा कर देंगे, नहीं तो पुलिस उसे भर देगी। इंस्पेक्टर उमा शंकर प्रसाद ने बताया कि इसका प्रारूप वर्टिकल शिकायत आवेदन के समान है।रौतहट जिला पुलिस कार्यालय ने बताया कि पुलिस लिखित आवेदन के आधार पर प्रारंभिक कार्रवाई कर रही है। अब पुलिस द्वारा रौतहट के सभी पुलिस कार्यालयों में मुफ्त का नोटिस लिखना शुरू करने के बाद दर्जनों स्टेशनरी दुकानें बंद हो गयी हैं। जिले के कुछ आवेदन लेखकों ने पत्रकार मिश्रा की शिकायत एसपी घिमिरे से की किंतु उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और हजारों जिलेवासियों ने इस पहल की खुलकर सराहना की।