विपक्ष के वॉकआउट के बीच स्कूली शिक्षा विभाग के 6.63 करोड़ की अनुदान मांग मंजूर

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Eksandeshlive Desk

रांची : बजट सत्र के दौरान सोमवार को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग का छह करोड़ 63 लाख 89 हजार रुपये की अनुदान मांग को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इस दौरान विपक्ष सदन में अनुपस्थित था। इसलिए विपक्ष की ओर से अनुदान मांग पर लाया गया कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। विपक्ष की ओर से भाजपा की विधायक डॉ. नीरा यादव ने कटौती का प्रस्ताव लाया था, लेकिन सरकार के उत्तर के पूर्व ही विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया।

शिक्षकों को देंगे 50 घंटे की अनिवार्य ट्रेनिंग : स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के मंत्री ने विभाग के अनुदान मांग पर हुए वाद-विवाद पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों को 50 घंटे की अनिवार्य ट्रेनिंग देगी। इससे सभी शिक्षक नई तकनीक को सीखेंगे ताकि, वे शिक्षा में हो रहे बदलाव को सीख सकें। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के बच्चों को बैंकिंग, रेलवे और विदेशों में पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए होने वाली संबंधित इंट्रेंस परीक्षा की तैयारी कराएगी।

कमजोर बैकग्राउंड वाली बालिकाओं को कस्तूरबा में नामांकन : मंत्री रामदास सोरेन ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों से बालिकाओं के ड्रॉप आउट के मामले में कहा कि विभाग इस स्कूल में कमजोर बैकग्राउंड वाली बालिकाओं को नामांकन में प्राथमिकता देती है। उन्होंने ड्रॉप आउट की बात को सही ठहराया। मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी तैयारी कर रही है जिसके तहत झारखंड में जन्म लेनेवाले बच्चों को यहीं रोजगार देंगे।

पूर्व की सरकार ने बच्चोंं को किया शिक्षा से वंचित : मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य के आदिवासी और मूलवासियों को शिक्षा से वंचित किया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा की दुर्दशा के लिए विपक्ष जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों राज्य में की नियुक्ति नहीं होने, स्कूलों को बंद करने और बच्चोंं की स्कूलों में कम उपस्थिति के लिए भी विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकार की दोषी है।

खोले गए 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस : मंत्री ने कहा कि शिक्षकों से पूर्ववर्ती सरकार ने दारू बेचवाया गया। इसपर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने आपत्ति प्रकट की और स्पीकर से कार्यवाही में से स्पंज करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकार में राज्य भर में 7500 स्कूलों को बंद करा दिया गया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से खोले गए 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सींलेंस की सराहना करते हुए कहा कि इन स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई हो रही है, जहां गरीबों बच्चें क्वालिटी एजुकेशन हासिल कर सफलता हासिल करेंगे।