ZIVAME डेटा लीक मामले में पूरी जानकारी, आरोपी संजय सोनी गिरफ्तार

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जिवामे एक ऑनलाइन कंपनी है जो महिलाओं के अडंर गारमेंट्स ऑनलइन बेचती है. इसी कंपनी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, इस कंपनी का डेटा ब्रिच हो गया था. इस कपंनी के सिस्टम को हैक कर हैकर ने 15 लाख महिलाओं की डेटा चोरी कर ली थी. जिस डेटा को बाजार में बेचने के लिए ऑनलाइन करने की बात भी सामने आ रही थी.

ऑनलाइन डेटा ब्रिच

चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर यह पूरा मामला है क्या. महिलाओं के अडंर गारमेंट्स ऑनलइन बेचने वाली कंपनी जिवामे की वेवसाइट से लाखों महिलाएं अंडर गार्मेंटस की खरीदारी करती हैं. अंडरगारमेंट्स खरीदारी के लिए महिला ग्राहकों को अपनी निजी जानकारी जैसे उनका नाम, घर का पता, फोन नंबर, जन्म तिथि, ई-मेल आइडी और लेडीज के अंडरगारमेंट की साइज जैसी सभी जानकारी वेबसाइट को अंडरगार्मेंट्स की खरीदारी के लिए देनी पड़ती है. ऐसे में महिलाओं की सारी निजी जानकारियां कंपनी के पास स्टोर्ड हो जाती है. खबर आई की महिलाओं के अडंर गारमेंट्स ऑनलइन बेचने वाली इस कंपनी में स्टोर्ड 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी हैकर ने हैक कर ली है. जानकारी हो कि कंपनी के वेबसाइट पर करीब 92 लाख महिलाओं की निजी जानकारी स्टोर्ड थी, जिसमें से 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी फिलहाल लीक होने की खबर सामने आई है.

कंपनी को मिलने लगी धमकी, हैकर करने लगा ब्लैकमेल

डेटा चोरी होने के बाद हैकर ने महिलाओं की अंडरगार्मेंट्स बेचने वाली  जिवामे कंपनी को बीते 24 अप्रैल को मेल कर 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी हैक करने की जानकारी दी थी. हैकर ने कंपनी को मेल कर बताया था कि 15 लाख महिलाओं का डेटा चोरी कर लिया गया है. 25 मई को हैकर ने एक बार फिर कंपनी को ई-मेल भेजकर सिस्टम की कमजोरी बताते हुए पैसों की मांग की. आपको बता दें पैसे की मांग हैकर क्रिपटो करंसी में कर रहे थे.

इस मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कंपनी जिवामे से जवाब भी तलब किया था. जिसको लेकर 29 मई के दोपहर 12 बजे उन्हें आयोग के सामने हाजिर होना था. आयोग का कहना था कि जिवामे के डाटा लीक होने के कारण महिलाओं को दिक्कत हो सकती है.

जिसके बाद कंपनी ने सईबर डाकु(@cyberdaku) नाम के ट्वीटर हैंडल को 1500 डालर का भुगतान किया. जिसमें से 1000 डॉलर संजय सोनी को दिए है. आपको बता दें कि संजय सोनी (@cyber_huntss) नाम के ट्वीटर हैंडल से ऑपरेट करता है.

लेकिन यह मामला पैसों की भुगतान के बाद भी नहीं थमा. हैकर कंपनी से और पैसै की मांग करने लगे. जिसके बाद कंपनी ने इसकी शिकायत एसओजी से की. एसओजी यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप. इस संबंध में महिलाओं के अंडर गारमेंट्स बेचने वाली कंपनी के पदाधिकारी ने एसओजी में रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कंपनी की तरफ से बताया गया कि महिलाओं के अंडर गार्मेंट्स बेचने वाली कंपनी के पास 92 लाख महिलाओं के निजी डेटा उपलब्ध हैं जिसके हैकर द्वारा लीक किए जाने की संभावना है.

हैकर्स ने बनाया था टेलीग्राम ग्रुप

आपको बता दें कि हैकर्स ने वे लीक डेटाबेस नाम का एक टेलीग्राम चैनल भी बनाया था. जिसमें कम से कम 250 हैकर्स शामिल हैं. इस ग्रुप में हैकर्स चोरी किया हुआ डेटा डालते है. इसके बाद सारे हैकर्स अपने जरुरत के हिसाब डेटा का इस्तेमाल कर सकता है.

एसओजी को मिली बड़ी सफलता, आरोपी गिरफ्तार

एसओजी राजस्थान को इस मामले में बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में एसओजी ने एक आदमी को गिरफ्तार किया है. एडीजी एसओजी-एटीएस आशोक राठौड़ की मॉनिटरिंग में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. गिरफ्तार आरोपी का नाम संजय सोनी है. संजय उदयपुर का रहने वाला है. संजय सोनी के खिलाफ लखनऊ, मुंबई, उदयपुर और बैंगलुरु में भी मामले दर्ज हैं. इससे पहले भी वह गिरफ्तार हो चुका है.

इस पूरे मामले को संप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही थी

इस पूरे मामले को लेकर 16 मई को लेकर एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि 15 लाख हिंदू महिलाओं का डाटा इस्लामिक देशों को भेजा जा रहा है. इसको लेकर संप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही थी. हालांकि, हैकर द्वारा चुराए गए 15 लाख महिलाओं की निजी जानकारी में सभी जाति धर्म से जुड़ी महिलाओं का डाटा मौजूद है. बहरहाल, अब इस मामले में एसओजी गिरफ्तार आरोपी संजय सोनी की इलोक्ट्रौनिक डिवाइस की भी छानबीन कर रही है. जाहिर है इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की छानबीन के बाद ही इस पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा.