नेतन्याहू बोले- अगले कुछ दिनों में सभी बंधकों की वापसी की उम्मीद, ट्रंप ने हमास को दी चेतावनी

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Eksandeshlive Desk

यरूशलेम/वॉशिंगटन : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में सभी बंधक (जीवित और मृत दोनों) वापस लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि इजराइल “एक बहुत बड़ी उपलब्धि के कगार पर” है, हालांकि समझौता अभी अंतिम नहीं हुआ है और इस दिशा में कड़ी मेहनत जारी है। नेटन्याहू ने कहा, “ईश्वर की कृपा से आने वाले दिनों में, सुक्कोत त्योहार के दौरान, हम सभी बंधकों की वापसी की घोषणा कर सकेंगे, जबकि इजराइली सेना (आईडीएफ) अब भी गाजा में तैनात रहेगी।” प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक 207 बंधकों की वापसी हो चुकी है, लेकिन “मैंने कभी शेष बंधकों को लेकर उम्मीद नहीं छोड़ी, न ही युद्ध के लक्ष्यों को।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ समन्वय में की गई कूटनीतिक पहल ने “स्थिति को पूरी तरह बदल दिया” है। नेतन्याहू के अनुसार, “अब इजराइल नहीं, बल्कि हमास अलग-थलग पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा और आईडीएफ गाजा में ऐसे स्थानों पर पुनः तैनात होगी, जिससे वह इलाके की निगरानी जारी रख सके। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि हमास को अब तेजी से कदम उठाने होंगे, अन्यथा “सभी शर्तें समाप्त” हो जाएंगी।

ट्रंप का ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़े रुख और समर्थन के लिए धन्यवाद : नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हमास को रिहाई पर सहमत कराने में सिर्फ सैन्य और कूटनीतिक दबाव ने भूमिका निभाई है। उन्होंने आलोचकों के उस दावे को खारिज किया कि “हमास एक या दो साल पहले बिना आईडीएफ की वापसी के भी सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार था।” नेतन्याहू ने कहा, “यह पूरी तरह झूठ है। हमास का रुख सिर्फ हमारे दबाव की वजह से बदला।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू “भारी दबाव” के बावजूद युद्ध जारी रखने के अपने फैसले को सही ठहराया और राष्ट्रपति ट्रंप का ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़े रुख और समर्थन के लिए धन्यवाद किया। नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने इजराइल की वार्ता टीम, जिसकी अगुवाई रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर कर रहे हैं, को काहिरा रवाना होने का निर्देश दिया है ताकि बंधक रिहाई से जुड़ी “तकनीकी औपचारिकताएं” पूरी की जा सकें। उन्होंने कहा, “हमारा और हमारे अमेरिकी मित्रों का इरादा है कि वार्ता कुछ ही दिनों में पूरी हो जाए,” साथ ही जोड़ा कि ट्रंप ने आज स्पष्ट कर दिया है कि वे हमास की किसी भी देरी की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। नेतन्याहू ने बताया कि समझौते के दूसरे चरण में “हमास को निशस्त्र किया जाएगा और गाजा पट्टी को पूर्णतः सैन्यीकरण-मुक्त” बनाया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी, “यह या तो ट्रंप योजना के तहत कूटनीतिक तरीके से होगा, या फिर हमारे सैन्य बल के जरिए।”

ट्रंप ने गाजा संघर्षविराम योजना के त्वरित कार्यान्वयन में “देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी” : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इजराइल ने अस्थायी रूप से गाजा में अपने बमबारी अभियान को रोक दिया है, जिसे उन्होंने शांति समझौते को अंतिम रूप देने और हमास के कब्जे में बंधकों की रिहाई की दिशा में एक अहम कदम बताया। ट्रंप ने चेतावनी दी कि हमास को अब तेजी से कदम उठाने होंगे, अन्यथा “सभी शर्तें समाप्त” हो जाएंगी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा, “मैं किसी भी देरी को बर्दाश्त नहीं करूंगा, जिसकी कई लोगों को आशंका है, और न ही ऐसा परिणाम स्वीकार करूंगा जिसमें गाजा फिर खतरा बने। चलिए, इसे तेजी से पूरा करें। सभी के साथ न्याय होगा!” उन्होंने इजराइल की ओर से बमबारी रोकने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह “बंधकों की रिहाई और शांति समझौते को पूरा करने का अवसर देता है।” हालांकि, सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में अब तक कम से कम 67 लोगों की मौत इजराइली हमलों में हुई है, जिसकी पुष्टि स्थानीय अस्पताल अधिकारियों ने की है। एक दिन पहले, ट्रंप ने खुलासा किया था कि हमास ने उनके 20-सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने अपने वीडियो संदेश में इसे “एक बड़ा दिन” बताते हुए कहा था कि “यह ऐतिहासिक घटनाक्रम है।” ट्रंप प्रशासन की मध्यस्थता में तैयार यह प्रस्ताव गाजा में लगभग दो साल से जारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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