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हैदराबाद : प्रसिद्ध तेलुगु फिल्म अभिनेता चंद्र मोहन (82) का हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार को निधन हो गया। चंद्रमोहन की पत्नी जलंधरा और दो बेटियां है। चंद्रमोहन के पार्थिव शरीर को फिल्मनगर स्थित उनके आवास पर लाया गया है। चंद्रमोहन के भतीजे कृष्णप्रसाद ने मीडिया को बताया कि चंद्रमोहन का अंतिम संस्कार उनकी छोटी बेटी मथुरा मीनाक्षी के अमेरिका से आने के बाद सोमवार दोपहर हैदराबाद में किया जाएगा। परिवार सूत्रों के अनुसार चंद्रमोहन हृदय रोग से पीड़ित थे। आज सुबह 8 बजे उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
23 मई, 1943 को कृष्णा जिले के पमिदिमुक्का में जन्मे चंद्रमोहन का मूल नाम मल्लमपल्ली चंद्रशेखर राव था। उन्होंने बापटला कृषि महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1966 में फिल्म रंगुला रत्नम में प्रधान भूमिका निभाया था। कई तमिल फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने अभिनेता के रूप में विभिन्न भूमिकाएँ निभाई हैं।
उन्होंने अतमेयुलु’, तल्ली तंद्रुलू’, ‘संबराला रामबाबू’, जीवन तारंगलू ‘, ‘गंगामंगा’, ‘अल्लूरी सीतारामाराजू’, ‘सिरी सिरी मुव्वा’, ‘सीता कल्याणम’, ‘शुभोदयम’, ‘ राधा कल्याणम”, ‘इंती गुट्टू’, ‘सुवर्ण सुंदरी’, ‘आदित्य 369’, ‘पेद्दारिकम गुलाबी’, ‘चंद्रलेखा’, 7जी वृन्दावन कॉलोनी’, ‘धी’ ‘, ‘किंग और ‘लौख्यम’ जैसी फिल्मों में काम किया।
उनके अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर और नंदी पुरस्कार मिले। फिल्म ‘पदाहारेला वायस्सु’ और ‘सिरी सिरी मुव्वा’ में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1987 में उन्हें फिल्म ‘चंदामामा रावे के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का नंदी पुरस्कार मिला और 2005 में फिल्म ‘अथानोक्कडे’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का नंदी पुरस्कार मिला।