Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2025-26 पेश करते हुए अर्थव्यवस्था में निवेश के तीसरे इंजन के रूप में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी), राज्यों की सहायता, 2025-30 के लिए परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना, खनन क्षेत्र और घरेलू विनिर्माण में बहुक्षेत्रीय सुधार का प्रस्ताव दिया है। निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया है कि अवसंरचना से जुड़ा प्रत्येक मंत्रालय तीन वर्ष पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को लाएगा, जिन्हें पीपीपी मोड में कार्यान्वित किया जा सके। राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और वे पीपीपी प्रस्तावों को तैयार करने के लिए भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि (आईआईपीडीएफ) स्कीम से सहायता ले सकते हैं।
पूंजीगत व्यय और सुधारों के प्रोत्साहन के लिए वित्त मंत्री ने राज्यों को 50 वर्ष की अवधि वाले ब्याज मुक्त ऋणों हेतु 1.5 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव दिया। वर्ष 2021 में घोषित प्रथम परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना की सफलता को आगे बढ़ाते हुए नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के लिए वर्ष 2025-30 हेतु द्वित्तीय परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना को शुरू किया जाएगा। इस योजना को सहायता प्रदान करने के लिए विनियामक और राजकोषीय उपायों को सुसंगत बनाया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने सर्वोत्तम पद्धतियों के आदान-प्रदान और राज्य खनन सूचकांक की संस्थापना के माध्यम से लघु खनिजों सहित खनन क्षेत्र में सुधार का प्रस्ताव दिया है।
निर्मला सीतारमण ने पीपीपी को आगे बढ़ाने और परियोजना की रूपरेखा तैयार करने में निजी क्षेत्र की सहायता करने के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल से संगत डाटा और मानचित्र तक पहुंच का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री ने भारत के युवाओं के लिए अधिक रोजगार को प्रोत्साहन देने और भारत में विनिर्माण के लिए इनकी उपलब्धताओं के सुनिश्चित करने के लिए कोबाल्ट पाउडर और अवशिष्ट, लिथियम आयन बैट्री का स्क्रैप, जस्ता, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को पूर्णरूप से छूट देने का प्रस्ताव दिया है।