आत्म निर्भर भारत के संकल्प को साकार करेगा पीएम विश्वकर्मा योजना: बाबूलाल मरांडी

360° Ek Sandesh Live Politics


sunil verma
रांची: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम विश्वकर्मा योजना की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला भाजपा प्रदेश कार्यालय में शनिवार को संपन्न हुई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सशक्त भारत,मजबूत भारत के लिए आत्म निर्भर भारत का निर्माण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा चुका है। पीएम विश्वकर्मा योजना यह आत्मनिर्भर भारत की कुंजी बनेगी। इस महत्वाकांक्षी योजना में सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास भी शामिल है। उन्होंने कहा कि देश में प्राचीन काल से हुनर की कमी नहीं रही। लेकिन आजादी के बाद देश की प्राचीन हुनर मंद कारीगरों को आगे बढ़ने ,उन्हे आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में पहल नहीं की गई। पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सर्वांगीण विकास की चिंता की है। उन्हें सामाजिक,आर्थिक और तकनीकी तौर पर संबल प्रदान करते हुए उन्हें आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सार्थक भूमिका सुनिश्चित कराई है। नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना में पिछड़े,दलित,आदिवासी समाज के लोग ही सर्वाधिक शामिल हैं। इस योजना से गांव गरीब हुनरमंद पारंपरिक कारीगर आगे बढ़ेंगे। यह योजना उनके लिए प्रगति का सुनहरा अवसर लेकर आया है। यह योजना एक कारीगर को विकसित और मजबूत नही करेगी बल्कि पूरे गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। गांव भी आत्मनिर्भर होगा। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत की प्राचीन कलाएं,हुनरमंद कारीगर,यहां की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ थे। गांव गांव के इनकी कलाओं का सम्मान था। सामाजिक रीति रिवाज में इनके बनाए सामग्रियों को बढ़ावा दिया गया। ऐसे ग्रामीण हुनर धन और प्रोत्साहन के अभाव में विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए। प्रधानमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए भारत की प्रगति में उनके योगदान को सुनिश्चित किया है। प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि भारत की पहचान देश के हुनरमंद पारंपरिक कारीगरों से रही है। देश में रोजगार उपलब्ध कराने में ये पारंपरिक कारीगर बड़ी भूमिका निभाते रहे। देश में बढ़ती बेरोजगारी पारंपरिक रोजगार को प्रोत्साहित नही करने के कारण बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना सिर्फ एक परिवार को सबल नही बनाएगा बल्कि रोजगार के भी अवसर उपलब्ध कराएगा। भाजपा बिहार के प्रदेश महामंत्री एवम पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रदेश प्रवासी मिथिलेश तिवारी ने पीएम विश्वकर्मा योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर प्रारंभ की गई पीएम विश्वकर्मा योजना एक क्रांतिकारी कदम है। प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की थी। 13 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में 18 प्रकार के पारंपरिक व्यापार को जोड़ा गया है जिसमें बढ़ई, नाव निमार्ता,अस्त्रकार,लोहार, टुलकिट निमार्ता,सुनार, ताला निमार्ता,कुंभकार,मूर्तिकार,चर्मकार, नाई, मालाकार,दर्जी, जाल बनाने वाले,राज मिस्त्री,बास्केट,गुड़िया,खिलौना,बनाने वाले शामिल हैं। इसमें पंजीकरण केलिए पात्रता न्यूनतम 18वर्ष,है जिन्होंने कोई सरकारी स्कीम में पहले ऋण नही लिया हो। उन्होंने कहा कि पहले चरण में आवेदक को प्रशिक्षण दिया जायेगा।प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500रुपए भत्ता एवम 15000रुपए औजार खरीदने केलिए मिलेंगे।