ADR की रिपोर्टः 510 करोड़ वाला सीएम कौन, मात्र 15 लाख में भी गुजारा कर रही एक CM

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भारत में करीब 80 करोड़ लोग ऐसे हैं जो राशन कार्डधारी हैं. मतलब ये भारत के वो गरीब लोग हैं जो अपने आबुदाने के लिए भी सरकार पर निर्भर रहते हैं. भारत में गरीबी का आंकड़ा सरकारी रपटो में सार्वजनिक होती ही है. लेकिन 12 अप्रैल को एडीआर(Association for democratic reforms) और (National Election Watch) ने जो विश्लेषण रिपोर्ट जारी किया है, वो फिलहाल देश भर में चर्चा का विषय है. इस रिपोर्ट में भारत के 28 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्री के पास कितनी संपत्ति है, इसकी जानकारी इस रिपोर्ट में जारी की गई है. जहां एक तरफ जनता गरीबी से जुझ रही है वहीं रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तरफ 30 में से 29 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो रिपोर्ट के मुताबिक करोड़पति बताए गए हैं.

सबसे अमीर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी

इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं. उनकी कुल संपत्ति 510 करोड़ है. आपको बता दें कि जे एम रेड्डी का मुख्यमंत्री पद पर ये पहला कार्यकाल हैं. साल 2009 में वे कडापा लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बन संसद पहुंचे थे. उस वक्त यह चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था. हालांकि बाद में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई और पार्टी का नाम रखा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी( YSR Congress Party)

ममता बनर्जी के पास सबसे कम संपत्ति

एडीआर की इस रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सबसे कम संपत्ति है. बता दें कि ममता बनर्जी की कुल संपत्ति महज 15 लाख रुपए है. पश्चिम बंगाल में बतौर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ये तीसरा कार्यकाल है. ममता 2011 से 2016 तक, 2016 से 2021 तक और 2021 से अब तक मुखयमंत्री के पद पर बनी हुई हैं.

जानें झारखंड के मुख्यमंत्री के पास के कितने करोड़ की संपत्ति

झारखंड के मुखिया हेमंत सोरेन के पास कुल 8.51 करोड़ की संपत्ति है. लेकिन उन पर 2 लाख रुपए का कर्ज भी है. हेमंत सोरेन का बतौर मुख्यमंत्री ये दूसरा कार्यकाल है. हालांकि इससे पहले वो 2013 में  मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उस दौरान उनका कार्यकाल महज 1 साल 168 दिनों तक का ही रहा.

पांच सबसे अमीर मुख्यमंत्री

  • आंध्रा प्रदेश                जगन मोहन रेड्डी              510 करोड़
  • अरुणाचल प्रदेश         पेमा खांडू                        163 करोड़
  • ओडिशा                     नवीन पटनायक               63 करोड़
  • नगालैंड                      एन. रियो                         46 करोड़
  • पुड्डुचेरी                    एन. रंगासामी                  38 करोड़

देखें पूरी लिस्ट

आपको बता दें कि एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने ये जानकारी सभी वर्तमान मुख्यमंत्रियों के चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग को  दिए गए शपथ पत्र से प्राप्त किया है. एडीआर की स्थापना 1999 में (IIM) अहमदाबाद के कुछ प्रोफेसरस् ने मिल कर किया था. सबसे पहली बार इन्होने दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल (PIL) दायर कर चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशी की क्रिमिनल , ऐजुकेशनल और फाईनेंशियल बैकग्राउंड की जानकारी  मांगी थी. इसके बाद 2002 और 2003 में सुप्रिम कोर्ट ने ये अनिवार्य कर दिया कि चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों को चुनाव से पहले ये निम्नलिखित जानकारी निर्वाचन आयोग को देना होगा.