Eksandeshlive Desk
वाशिंगटन/बीजिंग : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस माह के आखिर में होने वाली मुलाकात में दोनों देशों के बीच आयात शुल्क मामले के समाधान को लेकर दोनों नेताओं के बीच ठोस बातचीत होने की संभावना है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर के अंत में राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात की ‘योजना’ है। इस दौरान दोनों पक्ष नए ‘प्रतिबंध’ के खतरों और निर्यात नियंत्रणों के कारण उभर रहे तनावों को कम करने की कोशिश करेंगे।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ गई : गौरतलब है कि पिछले सप्ताह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक बड़ा व्यापारिक टकराव शुरू हो गया जब चीन ने गुरुवार को अपने दुर्लभ खनिजों के निर्यात को लेकर नयी शर्तों की घोषणा की। इसके जवाब में ट्रंप ने शुक्रवार को चीनी वस्तुओं के आयात पर शुल्क को सौ फीसदी तक बढ़ाने का एलान कर दिया जिससे अमेरिका-चीन संबंधों में एक बार फिर व्यापारिक टकराव शुरू हो गया और इसके परिणामस्वरूप वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ गई। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी वित्त मंत्रालय और चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने प्रशांत क्षेत्र के दोनों ओर के व्यापारियों और निवेशकों को आश्वस्त करने की कोशिश की। दोनों ने अपनी वार्ता टीमों के बीच सहयोग और इस दिशा में संभावनाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि वे मौजूदा ‘टैरिफ’ संघर्ष रोकने का रास्ता खोज सकते हैं। हालाँकि, दोनों पक्षों के बयानों की भाषा अभी भी कठोर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि इस नए टकराव के शुरू होने से पहले ही ट्रंप और जिनपिंग ने इस माह के अंत में दक्षिण कोरिया द्वारा आयोजित एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच के शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात की योजना बनाई थी।
शनिवार को दोनों पक्षों के बीच संतोषजनक बातचीत हुई : सोमवार को फॉक्स बिज़नेस नेटवर्क को दिए एक साक्षात्कार में बेंसेट ने कहा, “हमारे बीच तनाव काफी हद तक कम हो गये है।” उन्होंने कहा कि बीते शनिवार को दोनों पक्षों के बीच संतोषजनक बातचीत हुई है और इस सप्ताह वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों के दौरान अमेरिका-चीन के बीच आधिकारिक स्तर की बैठकें होंगी। बेसेंट ने कहा, “100 प्रतिशत शुल्क लागू होना ज़रूरी नहीं है। पिछले सप्ताह की घोषणा के बावजूद, हमारे चीन से संबंध अच्छे हैं। बातचीत के रास्ते फिर से खुल गए हैं, इसलिए देखते हैं कि आगे क्या प्रगति होती है। वैसे भी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि टैरिफ एक 1 नवंबर से पहले लागू नहीं होंगे। वह दक्षिण कोरिया में चीनी नेता जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। मेरा मानना है कि इस बाबत बैठके अभी जारी रहेगी।” बेसेंट ने कहा, “चीन में एक नियंत्रण-और-कमांड अर्थव्यवस्था है। वे न तो हमें नियंत्रित करेंगे और न ही हम उन्हें नियंत्रित करेंगे।” उन्होंने कहा कि वह इसे लेकर व्हाइट हाउस के सहयोगियों के संपर्क में है और इस बाबत यूरोप, भारत और एशियाई लोकतंत्रों से समर्थन की उम्मीद करते हैं।