sunil Verma
Ranchi : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने गुरुवार को होटल बीएनआर चाणक्य में सीसीएल में अनुसूचित जनजातियों के विभिन्न संवैधानिक सुरक्षणों पर समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक के दौरान 21 बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस क्रम में पाया गया कि सीसीएल का मुख्यालय रांची में होने के बावजूद यहां अनुसूचित जनजाति के कर्मियों के लिए न तो क्वार्टर की सुविधा है और ना ही हेडक्वार्टर में अनुसूचित जनजाति के एक भी अधिकारी हैं। समीक्षा के दौरान सीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीन अधिग्रहण पालिसी में संशोधन करें, ताकि वैसे जमीन दाता जिनके पास दो एकड़ से कम जमीन हो उन्हें भी कॉम्पेनसेटरी एम्प्लॉयमेंट दिया जा सके। सीसीएल की जमीन अधिग्रहण पालिसी के तहत उन जमीन दाताओं को ही नौकरी दी जाती है जिनके पास दो एकड़ जमीन है। सीसीएल के अधिकारियों को उन्होंने एससी/एसटी सेल बनाने का निर्देश दिया ताकि कमेटी के माध्यम से एससी/एसटी से संबंधित छोटे-छोटे मामले निष्पादित किए जा सकें। कहा, सीसीएल में ग्रुप ए, बी, सी व डी में एससी/एसटी के लिए कोई वेकैंसी नहीं है। क्या रांची में एससी/एसटी नहीं हैं। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द वेकैंसी निकालकर एससी/एसटी के रिक्त पदों को भर जाए। ग्रुप सी व डी में एससी/एसटी के लिए 26 प्रतिशत पद आरक्षित हैं। सीसीएल के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि नए लोगों के लिए नई योजनाओं की प्लानिंग करें। सीएसआर के तहत एसटी वर्ग के युवाओं के लिए यूपीएससी/जेपीएससी की तैयारी के लिए सुविधा उपलब्ध कराएं, ताकि संबंधित छात्रों को इसका लाभ मिल सके। वे भी यूपीएससी/जेपीएससी की तैयारी कर अधिकारी बन सकें। साथ ही सीसीएल को भी संबंधित युवाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि ॅ’ङ्मुं’्र२ं३्रङ्मल्ल से पर्यावरण खत्म हो रहा है। इसलिए योजनाओं से संबंधित क्षेत्रों में पांच साल तक पौधे लगाए। अनुसूचित जनजाति बहुल गावों को गोद लें। जहां जलसंकट की स्थिति हो वैसे गावों में भी पौधे लगाएं। ऐसा करने से गांव का पानी गांव में ही रहेगा। साथ ही कैंप कर एसटी से संबंधित समस्याओं का समाधान करें। इंटरनल ग्रीवांस सेल बनाएं। साथ ही न्यू स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करें।