अर्बन बॉडी को इकोनॉमी का ग्रोथ सेंटर बनाएं : प्रधानमंत्री

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Eksandeshlive Desk

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को चौथे नंबर से दूसरे नंबर पर लाने के लिए अर्बन बॉडी को फोकस करना होगा। अर्बन बॉडी को इकोनॉमी का ग्रोथ सेंटर बनाने की योजना बनाने की जरूरत है। अपने आप जनसंख्या के कारण वृद्धि होती चले ऐसे शहर नहीं होने चाहिए, बल्कि शहर आर्थिक गतिविधि के तेजतर्रार केन्द्र बने। प्रधानमंत्री मंगलवार को महात्मा मंदिर में गुजरात सरकार की ओर से आयोजित शहरी विकास वर्ष की 20वीं वर्षगांठ और वर्ष 2025 को शहरी विकास वर्ष के रूप में आरंभ करने के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने शहरी विकास विभाग, सड़क एवं भवन विभाग, जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा राजस्व विभाग के लिए 5536 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया।

समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने टीयर टू और टीयर थ्री सिटी पर बल देते हुए कहा कि उन्हें इकोनॉमी के सेंटर बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने राज्यों से अपील की कि अर्बन बॉडी से जुड़े लोग लक्ष्य करें कि एक साल में उस नगर की अर्थव्यवस्था के कद को बढ़ाने के लिए इकोनॉमी कहां से कहां तक पहुंचाएंगे। शहरों में जो चीजों बन रही है, उसमें गुणवत्ता का स्तर कैसे सुधारेंगे। नए-नए आर्थिक गतिविधियों के लिए कौन से रास्ते खोलेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकांश नगरपालिकाएं बड़े शॉपिंग सेंटर बना देती हैं, लेकिन इससे कुछ खास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की पैदावार को वैल्यूएडिशन करने की जरूरत है। गांव और शहर दोनों का इससे भला होगा। देश में आज करीब 2 लाख स्टार्टअप हैं, जिनमें अधिकांश टीयर 2 और टीयर 3 के पास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें बड़ी संख्या में नेतृत्व बेटियों के पास है, यह एक बड़ी क्रांति की संभावना को जन्म देता है। अर्बन डेवलपमेंट इयर के जब 20 साल मना रहे हैं तो टीयर टू और टीयर थ्री सिटी को बदल देंगे। शिक्षा में भी टीयर टू और टीयर थ्री सिटी काफी आगे रहा है। इसका आशय है कि छोटे शहरों की ताकत बढ़ रही है। खेलों में भी यह उदाहरण देखने को मिल रहा है। आज आधे से अधिक खिलाड़ी टीयर टू, टीयर थ्री और गांव के बच्चे हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग भारत के सामर्थ्य को लोग नीचा दिखाने में जुटे हैं। वैचारिक विरोध के कारण व्यवस्थाओं के विकास को अस्वीकार करने का उनका स्वभाव बन गया है। व्यक्ति के प्रति पसंद-नापसंद के कारण उसके द्वारा किए गए काम को बुरा बता देना फैशन बन गया है। उसके कारण देश की अच्छी चीजों को नुकसान हो रहा है। मोदी ने कहा कि हरेक राज्य में एकाध जिले-तहसील ऐसे होते हैं जो राज्य के सारे औसत को पीछे कर देते हैं। देश में 100 के करीब जिलों के 500 ब्लॉक है, जो राज्यों के औसत को पीछे कर रहे थे। केन्द्र सरकार ने 40 पैरामीटर पर विवेचना की और पूरी ताकत से इनके विकास की प्रक्रिया शुरू की है, जो आज दुनिया के लिए विकास का एक मॉडल बन गया है।

प्रधानमंत्री ने आजादी के समय की चर्चा कर कहा कि 1947 में जब भारत का टुकड़ा हुआ, उसी रात कश्मीर की धरती पर पहला आतंकवादी हमला हुआ था। भारत का एक हिस्सा आतंकवादियों, मुजाहिदीन के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। उस दिन अगर इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया जाता, जो सरदार पटेल की इच्छा थी कि पीओके वापस न आए तब तक सेना को रोका नहीं जाना चाहिए था। उस समय इस बात को नहीं माना गया। मुजाहिदीन जिन्होंने खून का स्वाद लिया था, वह सिलसिला 75 वर्षों से चला आ रहा है। पहलगाम में भी इसका विकृत रूप देखने को मिला। 75 साल से वह सिलसिला चला आ रहा है और जब पाकिस्तान के साथ युद्ध का समय आया तो तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई।

मोदी ने कहा कि पाकिस्तान अच्छी तरह से समझ गया कि लड़ाई में वह भारत के सामने जीत नहीं सकता इसलिए उसने प्रॉक्सी वार शुरू किया। वहां सैन्य प्रशिक्षण होता है, सैन्य प्रशिक्षित आतंकियों को भारत भेजा जाता है और निर्दोष लोग जो यात्रा पर गए हैं, कोई बस में जा रहा है, कोई होटल में बैठा है, कोई टूरिस्ट बनकर जा रहा है, जहां मौका मिलता है मारते रहे और हम सहते रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज तक जिसे हम प्रॉक्सी वार कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले उसके बाद हम प्रॉक्सी वार कहने में गलती नहीं कर सकते और इसका कारण है कि आतंकवाद के 9 ठिकानों को 22 मिनट में साफ किया गया, उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। इस बार सभी कैमरे के सामने व्यवस्था रखी गई कि हमारे घर में कोई सबूत न मांगे। अब हमें सबूत देने की जरूरत नहीं है। मोदी ने कहा कि इसलिए वे कहते हैं कि इसे प्रॉक्सी वार नहीं कह सकते।

मोदी ने कहा कि आतंकवादियों की अंतिम यात्रा निकली, 6 मई के बाद जिन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया, उन्हें स्टेट ऑनर दिया गया, पाकिस्तान में उनके कफन पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी। यह साबित करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वार नहीं है। यह आपकी सोची हुई युद्ध की रणनीति है, लेकिन वे युद्ध ही कर रहे हैं तो उसका जवाब भी उन्हें वैसे ही मिलेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री सिंधू नदी जल समझौते की खामियों का भी जिक्र किया। आयोजन में प्रधानमंत्री से पहले केन्द्रीय शहरी विकास और आवास मंत्री मनोहर लाल और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी संबोधन किया।