समाज की परवाह किए बिना अर्चना बनी बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर

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समाज के चार लोग क्या कहेंगे इस डर से कितने लोग कुछ अलग कर नहीं पाते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इन चार लोगों की कभी परवाह नहीं करते हैं और अपने दिल की सुनते हैं. इसी तरह पटना की अर्चना ने भी समाज के तानों की परवाह किए बिना अपने परिवार के पालन –पोषण के लिए कैब ड्राइविंग को अपनी रोजगार का जरिया बनाया और बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर बन गईं.

बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार पटना के अनिशाबाद की रहने वाली अर्चना पांडे बिहार की पहली महिला कैब ड्राइवर हैं. अर्चना अपनी तीन बेटियों और एक बेटे का पालन पोषण और उनकी पढ़ाई- लिखाई कैब चलाकर ही करती हैं. अर्चना कहती हैं कि उनके इस काम के बाद बहुत लोग ताने देते हैं लेकिन कुछ लोग सराहना भी करते हैं. अर्चना का कहना है कि उनके चारों बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. इसलिए समाज के तानों की परवाह नहीं करती हैं.और अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करती हैं.

बता दें कि अर्चना पिछले दो सालों से कैब ड्राइवर हैं और वो अब तक 7 अलग-अलग राज्यों तक भी अपने कैब से जा चुकी हैं. अर्चना कहती हैं कि बिहार में कई महिलाएं हैं, जो आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं. अगर वो महिलाएं ट्रेनिंग लेना चाहती हैं तो उन्हें ट्रेंड करूंगी.