Eksandeshlive Desk
रजरप्पा: मौसम को देखते हुए छोटकी लारी में बुधवार को डॉ. अम्बेडकर की 67वें पुण्यतिथि मनाई गईं. इस अवसर पर उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गईं. मौके पर सेवानिवृत प्राचार्य पुन्नू राम नायक ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर परम् राष्ट्र भक्त थे. साथ ही प्रजातंत्र पर गहरी आस्था थी. उन्होंने कहा कि जनतंत्र सार्वजनिक जीवन जीने की पद्धति है, जनतंत्र की जड़े व्यक्ति की समाजिक संबंधो में खोजनी पड़ती है, जनतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके द्वारा आर्थिक एवं समाजिक क्षेत्र में बिना रक्त की एक गुण बहाए क्रांतिकारी परिवर्तन लाई जा सकती है. ऐसी शासन प्रणाली की सफलता के लिए मजबूत विरोधी दल का होना जरूरी है. इस संबध में उनका कहना था कि सबको इस बारें सोचना होगा कि प्रजातंत्र की सिद्धांत कही समाप्त ना हो जाय. इस देश में केवल एक ही राजनीतिक दल हितकर नहीं है. क्योंकि राष्ट्र की संसदीय प्रणाली ओर जनतंत्र की हत्या हो सकती है. उन्होंने कहा शिक्षा एक दोधारी तलवार की तरह है. हमें शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए.