बांग्लादेशी घुसपैठ चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि झारखंड की अस्मिता का सवाल है: हिमंत बिस्वा सरमा

Ek Sandesh Live Politics

Sunil Kumar Verma

रांची: असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा झारखंड के विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा शुक्रवार को जमशेदपुर पहुंचे। जहाँ उनके पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है। डेमोग्राफी का सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि संथाल परगना में आदिवासियों की जमीन पर कब्जा हो रहा है। वहां बांग्लादेशी घुसपैठियों का साम्राज्य स्थापित हो रहा है। अगर हालात नहीं सुधारे गये तो आने वाले 20 साल में झारखंड का मुख्यमंत्री भी कोई घुसपैठिया ही बन जायेगा। संथाल परगना के गांव में जहां आदिवासियों के साथ अत्याचार हो रहा, उनकी जमीन छीनी जा रही वहां पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री को जाने से रोका जाना यह बताता है कि स्थिति कितनी भयावह है। ऐसा लगता है कि हेमंत सरकार यह मान चुकी है कि पाकुड़ का गोपीनाथपुर झारखंड में नहीं बल्कि बांग्लादेश में है। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा हेमंत सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के संथाल परगना के कई विधानसभा क्षेत्र में घुसपैठियों की समस्या बनी हुई है। कई विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में 120%से भी ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई हैं झारखंड में अगर घुसपैठ नही रुकी तो झारखंड की भी हालत असम जितनी गंभीर हो जाएगी। झारखंड में वर्ष 1951 में मुस्लिम जनसंख्या सिर्फ 12-14% थी परंतु बांग्लादेश से आये घुसपैठियों के कारण अब जनसंख्या 40-42% हो गई है। पश्चिम बंगाल में भी तकरीबन 30% मुस्लिम जनसंख्या हो गई है। मुर्शीदाबाद की एक टीएमसी विधायक जो मुस्लिम है वो कह रहे है कि मुस्लिम आबादी 70% हो गई है तो 30% को हम जब चाहे भगा सकते है। ऐसी ही घटना पाकुड़ जिले के तारानगर एवं गोपीनाथपुर में हुआ। 2 गांव के 50 से ज़्यादा परिवार पाकुड़ सदर में आके बैठे हुए है। साथ ही मैं गायबथान गया वहाँ आदिवासी परिवार के जमीन पर घुसपैठियों ने कब्जा कर रखा है, 2015 में ही हाइकोर्ट का फ़ैसला हुआ कि ज़मीन लौटा दो लेकिन प्रशासन सहयोग नही कर रही है। उन्होंने कहा कि राजनीति चलती रहेगी, सरकार आएगी, जाएगी लेकिन प्रदेश बचाना हम सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है। साथ ही, उन्होंने हेमंत सोरेन से अपील करते हुए कहा कि आप घुसपैठियों एवं डेमोग्राफी चेंज के मुद्दों को नजरअंदाज मत कीजिए। अगर अभी नही संभले तो 30 साल के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री सदन के अंदर घुसपैठियों के सामने समर्पण करते दिखाई देंगे।

भाजपा सरकार आने के बाद घुसपैठियों की समस्या पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले झारखंड में जनता की बीच इस विकराल समस्या को लेकर एक चर्चा का माहौल बने। उन्होंने झारखंड के स्थानीय पत्रकारों को असम आकर घुसपैठियों की समस्या के बारे में विस्तृत जानकारी लेने को कहा। असम के घुसपैठियों के निश्चित एक पैटर्न है जो हिंदू बहुल गांव में जाकर गौहत्या करअपनी जगह बनाते है और धीरे धीरे पूरे गांव को भगा देते है। यही पैटर्न पाकुड़ जिले में भी देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में आने के बाद पहले से झारखंड में मौजूदा जमीन कानून की सहायता से घुसपैठियों को बाहर निकालने की भरपूर प्रयास करेगी। असम के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने वहाँ के सारे मदरसों को बंद करके चंडीगढ़ जितना बड़ा क्षेत्र घुसपैठियों से मुक्त कराया है। लेकिन जो क्षति पहुँचनी थी वो पहुंच चुकी है। घुसपैठियों की समस्या में असम पहले स्थान पर , बंगाल दूसरे, झारखंड तीसरे और त्रिपुरा चौथे स्थान पर आ गया है। घुसपैठियों की मुद्दा हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं है ये झारखंड एवं आदिवासियों के भविष्य एवं अस्मिता का मुद्दा है। झामुमो एवं कांग्रेस द्वारा भाजपा पर हिंदू-मुस्लिम करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि देश में आज़ादी के समय से ही हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा है। कांग्रेस-झामुमो तो हमेशा से ही मुस्लिम वोट बैंक के खातिर काम करती है और देश में हिंदू मुस्लिम एक मुद्दा है और झारखंड में भी यह मुद्दा है। राहुल गांधी के जातिगत जनगणना पर उन्होंने कहा कि सबकी जाति पूछने वाले अपनी खुद की जाति नही बता पा रहे है। उनको ज़्यादा गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है। संगठन के बैठक पर उन्होंने कहा कि हम चुनाव झारखंड और झारखंड की अस्मिता बचाने के लिए लड़ रहे है। ‘घुसपैठ केंद्र का विषय है’ झारखंड सरकार के इस आरोप पर उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी केंद्र को चिट्ठी लिखकर दे कि घुसपैठ की समस्या केंद्र देखे तो उनको हीरो बोलूंगा। केंद्र सरकार अगर कार्रवाई नही करती है तो मुझसे सवाल जरूर करें। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, जिला प्रभारी सह पूर्व विधायक डॉ जीतू चरण राम, प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद एवं जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा भी मौजूद रहे।