Eksandeshlive Desk
काठमांडू : भारत-नेपाल सीमावर्ती महानगर बीरगंज में दो संप्रदायों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दी गई है। रौतहट जिले के इशनाथ कस्बे में सरस्वती मूर्ति विसर्जन के दौरान दो संप्रदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। बाद में पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से स्थिति तो नियंत्रण में ले ली गयी किन्नु अल्पसंख्यक समुदाय के कतिपय असामाजिक तत्वों द्वारा तलवार भांजने के खिलाफ बहुसंख्यक समुदाय उग्र हो गया।रौतहट जिले के एस पी महेन्द्र श्रेष्ठ तथा प्रमुख जिला अधिकारी हीरा लाल रेगमी,इस प्रक्षेत्र के डीआईजी के साथ इशनाथ कस्बे पहुंचे तथा कुछ बहुसंख्यक हिंदू युवाओं को हिरासत में ले लिया। इस पर हिन्दुओं का समूह भड़क गया। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी(एकीकृत समाजवादी) के प्रमुख नेता रेवन्त झा तथा सांसद किरण साह की पहल पर पुलिस-प्रशासन ने गौर में सर्व-दलीय बैठक बुलाकर जिले में शांति बहाल करने की अपील की कि तब जाकर रौतहट जिले में शांति बहाल हुई कि यह आग बीरगंज तक पहुंची। बजरंग दल, नेपाल के कार्यकर्ताओं व हिन्दू संगठनों द्वारा बीरगंज में इशनाथ घटना के विरोध में दुकानें बंद कराए जाने के खिलाफ मुस्लिम समुदाय उग्र हो गया तथा इन्होंने मुस्लिम बहुल क्षेत्र छपकैया से प्रतिरोध जुलूस निकाला। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा हाय-हाय के नारे लगाते रहे। इतना ही नहीं बीरगंज के बिरता स्थित हनुमान मंदिर की मूर्ति पर लात जूतों से प्रहार किया तथा बीरगंज में भगवा झंडों को जलाने लगे। इसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी और पुलिस तथा प्रशासन को कर्फ्यू लगानी पड़ी। बीरगंज के मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि बिहार व उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के गुंडे बीरगंज में अंतहीन गतिरोध बना रहे इसके लिए वहाँ से आकर षडयंत्र कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है किंतु वीरगंज में तनाव व्याप्त है।अभी अभी प्राप्त ताजा सूचनानुसार बीरगंज में कर्फ्यू हटा लिया गया है।
आशुतोष झा