आशुतोष झा
काठमांडू: जैन धर्मावलंबी आचार्य श्री महाप्रज्ञ का पंद्रहवां महाप्रयाण दिवस बीरगंज में भव्य रूप से मनाया गया। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में आयोजित समारोह में डॉ ज्योति प्रज्ञा के आध्यात्मिक मंतव्य ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। सबने आज के दौर में महाप्रज्ञ जी के जीवनदायिनी संदेशों की महत्ता को अनुभूत किया।कार्यक्रम में भारतीय महावाणिज्य दूत देवी सहाय मीणा और प्रसिद्ध समाजसेवी तथा नेपाल भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार बैद ने महाप्रज्ञ के जीवन संदर्भ को विस्तार से बताया। श्री बैद ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जी कहते भी थे ” मैं और मेरा छोड़ो तो सब तुम्हारा ही होगा “। उनका ये मंत्र तथा दर्शन उनके जीवन में स्पष्ट दिखाई भी देता था। हम सबने देखा है,उनके जीवन में उनका अपना कुछ नहीं था,लेकिन हर कोई उनका अपना था। उनके जीवन में ” परिग्रह” किसी भी वस्तु का नहीं था लेकिन प्रेम हर व्यक्ति के लिए था। कार्यक्रम में भक्ति गान भी प्रस्तुत किया गया। निर्मल सिंधी ने स्वागत मंतव्य दिया वहीं वरिष्ठ पत्रकार चंद्र किशोर ने जैन धर्म के पांच मुख्य विशेषताओं की व्याख्या की।