sunil verma
रांची: झारखंड में चल रहे वर्तमान सरकार को आलमगीर आलम के भ्रष्टाचार उजागर होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है । उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मंराडी ने कही । उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम के दायित्व वाले विभाग वापस लिए हैं लेकिन मंत्री पद से नहीं हटाया गया है। श्री मंराडी ने कहा कि बीते साढ़े चार साल झारखंड की जनता विशेषकर युवाओं के लिए भारी रहे हैं। झारखंड के युवा नौकरी की आस में टकटकी लगाए बैठे रहे लेकिन हेमंत सोरेन ने स्थानीय युवाओं को नियोजन नीति, 60:40, बाहरी-भीतरी और पेपर लीक जैसे मुद्दों में उलझा कर नौकरियों की सौदेबाजी करने का प्रयास किया। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जनता को आस थी कि चंपाई सोरेन नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएंगे, भ्रष्टाचार को रोकेंगे, अपराधियों पर लगाम कसेंगे लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत। अब जनता तय करे कि ऐसा मुख्यमंत्री किस काम का जो ना तो भ्रष्टाचारियों पर कारवाई करने की हिम्मत रखता हो, ना पेपर लीक माफियाओं को सबक सिखाने की हिम्मत रखता हो, ना ही युवाओं को रोजगार देने की इच्छाशक्ति हो।