बलिदान दिवस पर जेएमएम विधायक सुदीप गुड़िया का ऐलान, कोयल कारो परियोजना कभी नहीं बनेगी

SOCIETY

Eksandeshlive Desk

खूंटी : काईल कारो जनसंगठन की ओर से तपकरा गोलीकांड के बलिदान दिवस पर रविवार को तपकरा शहीद स्थल गाेलीकांड में प्राण गंवाने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जनसंगठन के उपाध्यक्ष अन्नाकेलेतुस कंडुलना ने की। सभा को संबोधित करते हुए विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि कोईल कारो जनसंगठन एक ऐसा संगठन है, जिसने जल, जंगल और जमीन को बचा कर रखा है। उन्होंने कहा कि इस भरी सभा में मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि यह कोयल कारो जल विद्युत परियोजना इस जगह पर कभी नहीं बनेगी। विधायक ने कहा कि दिशुम गुरु शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए हमेशा संकल्पित रहे हैं।

जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी तब तक सुरक्षित है, जब तक एकजुट होकर संघर्ष करते रहेंगे। दयामनी बारला ने कहा कि कोईल कारो जनसंगठन ने पूरे विश्व को आंदोलन करना सिखाया है। जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हमारे साथियो ने गोली खाना कबूल किया, लेकिन समझौता नहीं किया। आदिवासी यहां के भूमि पुत्र है, न हटेंगे न बटेंगे। जोन जुरसन गुड़िया ने कहा कि जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हमारे आठ साथी शहीद हुए हैं। हम उनकी कुर्बानी को बेकार जाने नही देंगे। सभा को सुबोध पूर्ति, लाल विजय नाथ शाहदेव, रनिया प्रमुख नेली डहंगा, बसिया जंसगठन के अध्यक्ष अलेस्टर बोदरा सहित कई वक्ताओ ने संबोधित किया।

इससे पूर्व सभी अतिथियों के साथ डूब क्षेत्र के कई गावों के लोगों ने मृतकों की कब्र पर मोमबती-अगरबती और फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। कब्र की पूजा के दौरान गोलीकांड में मारे गए लोगों के परिजनों की आंखें नम हो गयीं। इससे पूर्व बलिदानियों की स्मृति में शहीद स्थल से मौन जुलूस निकाला गया। मंच का संचालन विनय कंडुलना ने किया। मौके पर मसीहदास गुड़िया, सहदेव बड़ाईक, निकोलस कंडुलना, जीवन हेमरोम, रामजीवन हेमरोम, प्रकाश डंहगा, झिरगा कंडुलना सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

दो फरवरी 2001 में तपकारा ओपी के घेराव के दौरान हुआ था गोलीकांड

कोईल कारो जनसंगठन के बैनर तले दो फरवरी 2001 को तपकरा ओपी का ग्रामीणों ने घेराव किया था। घेराव के दौरान ही गोलीकांड हुआ था, जिसमे आठ आंदोलनकारी मारे गये थे। प्राण गंवानेवालों में जमाल खान (तपकारा), बोडा पाहन (चंपाबहा), सुरसेन गुड़िया (डेरांग), सोमा जोसेफ गुड़िया (गोंडरा), लुकस गुड़िया (गोंडरा), प्रभु सहाय कंडुलना (बेलसिया जराकेल), समीर डहंगा (बंडा जयपुर) और सुंदर कंडुलना (बनई) शामिल थे। घटना के दूसरे दिन एक सिपाही का शव भी जली हुई अवस्था में तपकारा ओपी के पीछे आम बगीचा के पास से बरामद किया गया था। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष दो फरवरी को कोईल कारो जनसंठन की ओर से तपकारा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है।