आठ दिन पूर्व ओकनी से चोरी हुआ था चार बर्षीय पप्लू कुमार, दो लाख 95 हजार रुपए में हुआ था सौदा
प्रमोद खंडेलवाल
हजारीबाग: एसआईटी ने आठ दिन बाद ओकनी से गुम हुए चार बर्षीय पप्लू कुमार को कोडरमा से सकुशल बरामद कर लिया है। इस मामले में बच्चे को बेचने वाले और खरीदने वाले छह लोग गिरफ्तार कर जेल लिया गया हैं। इसमें दो पुरुष और चार महिलाएं शामिल हैं। यह जानकारी सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने दी। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि लोहसिंधना थाना क्षेत्र अन्तर्गत ओकनी साई मंदिर के पास से 18 दिसंबर को एक बच्चे की गुमशुदगी की सुचना पुलिस को मिली थी। पहले परिजनों ने अपने स्तर से काफी खोज बीन की। जब गुमशुदा बच्चा के संबंध में कुछ भी पता नहीं चला तो बच्चों के माता-पिता के शिकायत पर लोहसिंघना थाना मे काण्ड संख्या 272/23 दर्ज किया गया। मामले के अनुसंधान के क्रम में घटना स्थल के आगे लगे सीसीटीबी फुटेज खंगाले गए। जिसमे करीना देवी को बच्चा ले जाते हुए पहचान किया गया। पुलिस ने पहले छापामारी करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया। फिर कड़ाई से पूछताछ की गई तो करीना देवी ने बताया ज्योति रानी कन्हैया कुमार पासवन और नुतन देवी ने मिलकर बच्चे को चुरा कर कोडरमा में गीता देवी पति रोहित रविदास के पास दो लाख पन्चानवे हजार रूपया में बेचा है। उसने यह भी बताया कि ज्योती रानी एंव कन्हैया कुमार पासवान अभी छतीसगढ गये हैं। वे रांची रेलवे स्टेशन आने वाले हैं। इस सुचना के आधार पर रांची रेलवे स्टेशन के आस पास होटलों में छापामारी किया गया। छापमारी के क्रम में मिरा होटल में ज्योती रानी एंव कन्हैया कुमार पासवान ठहरे हुए पाये गये। जहाँ छापामारी करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। गुमशुदा बच्चे के संबंध में पुछने पर दोनो पति-पत्नी बताया गया कि ये लोग नुतन एंव करीना के सहयोग से दो लाख पन्चानवे हजार रूपया में कोडरमा में गीता देवी पति रोहित रविदास के पास बेच दिया गया है। इसके आधार पर छापामारी दल ने इन संलिप्त व्यक्तियों को लेकर इन्द्रपुरी मुहल्ला तिलैया, थाना तिलैया, जिला कोडरमा में छापामारी किया। जहाँ से गुमशुदा बच्चा पप्लु कुमार उम्र चार वर्ष पिता अभिषेक कुमार गुप्ता साकिन ओकनी साई मंदिर, थाना लोहसिंघना, जिला हजारीबाग को सकुशल बरामद कर वापस लाया गया। उसके बाद सीडब्ल्यूसी को जानकारी देते माता-पिता के पास पप्लू को सौंप दिया गया।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
बच्चे को खरीदने वाले गीता देवी पति रोहित रविदास दंपति की दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस कारण वह हर हाल में लड़का चाहते थे। मामले में पकड़े गए ज्योति रानी और कन्हैया कुमार ने इसी मौके का फायदा उठाते हुए बताया कि वह ऐसे एनजीओ से जुड़ा हैं। जो बच्चे को दत्तक ग्रहण कराता है। एनजीओ की ओर से बॉन्ड पेपर भी दिया जाता है। इसके बाद गीता देवी और रोहित रविदास उसके झासे में आ गए। तीन लाख की जगह 2,95,000 रुपए में सौदा तय हुआ। एडवांस के रूप में 1,70,000 रुपए दिए गए। फिर ज्योति रानी और कन्हैया कुमार ने इसके लिए नूतन देवी से संपर्क किया। जो उसे मोहल्ले में रहती थी। फिर उसके घर आने जाने वाली बहन करीना देवी को बच्चे की रैकी के लिए लगाया गया। उसने बबलू कुमार का फोटो भेज कर दो महीना पहले गीता देवी और रोहित रविदास के पास भेज दिया था। 18 दिसंबर को नूतन दीप्ति ने बच्चा का चादर से अगवा किया। फिर उसे ज्योति रानी और कन्हैया कुमार के पास पहुंचा दिया। इसके बाद दोनों उस बच्च को कोडरमा ले जाकर बेच दिया और बकाया 1,35,000 लेकर छत्तीसगढ़ चले गए। पप्लू कुमार के गुम होने के बाद साइबर अपराधी इस मौके का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे थे। पिता के पास लगातार फोन आ रहा था कि बच्चा उनके पास है। उसकी सकुशल वापसी के लिए बड़ी रकम देनी होगी। पुलिस को जब यह जानकारी मिली, तब पुलिस ने उक्त नंबर को ट्रेस करना शुरू कर दिया। इस क्रम में पुलिस को जानकारी मिली कि वे फोन साइबर अपराधी के है।